Britain Riots: समय तो ऐसा आया कि दंगाइयों की बढ़ती भीड़ के कारण पुलिस को पीछे हटना पड़ा। आधी रात के बाद स्थिति काबू में आ सकी। दंगाों के पीछे एक पारिवारिक कारण है।
एक बच्चे को कुछ दिन पहले चोट लगी थी। वह अस्पताल में इलाज के लिए गया तो पता चला कि उसके भाइयों ने उसे मारा पीटा है। अस्पताल ने सोशल सर्विसेज को सूचना दी और सोशल सर्विसेज ने पहुंच कर उस परिवार के चार बच्चों को अलग कर दिया। इससे लोगों में गुस्सा भड़का और वे दंगे पर उतारू हो गए। यह बाल संरक्षण का मामला था लेकिन लोगों ने समझा कि बच्चों को उनकी प्रापर्टी से बेदखल किया जा रहा है। बेकाबू भीड़ के कारण सोशल सर्विसेज के लोगों और बच्चों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया।
लीड्स सिटी काउंसिल के टॉम रिआर्डन क्या बताया
बाद में लीड्स सिटी काउंसिल के मुख्य अधिशासी टॉम रिआर्डन ने बताया कि प्रभावित इलाके में शांति कायम हो गई है और किसी बड़ी क्षति या जन हानि की कोई सूचना नहीं है। वेस्ट यार्कशायर के मेयर टैसी ब्राबिन ने लोगों से अपील की वे शांति बनाये रखें और अपनी हरकत पर विचार करें। उन्होंने आपात सेवाओं की सक्रियता के लिए उनका आभार भी जताया।
गृह मंत्री कूपर ने कहा कि हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। इसे माफ नहीं किया जाएगा। स्थानीय पार्षद सलमा आरिफ ने लोगों से घरों मे रहने की अपील करते हुए कहा कि पुलिस स्थिति से निपट रही है।
हिंसा कब शुरू हुई थी
Britain riots : जिस इलाके लक्शर स्ट्रीट में यह दंगा हुआ, रिपोर्ट के अनुसार वहां पाकिस्तानी लोगों की आबादी अधिक है। दंगाई पुलिस से जरा भी खौफ नहीं खा रहे थे और अपने चेहरे को भी छिपाने की कोशिश नहीं कर रहे थे। उन्होंने पुलिस के सामने वाहनों में आग लगाई। हिंसा शाम पांच बजे शुरू हुई और आधी रात के बाद उस पर काबू पाया जा सका। दंगा शुरू होने पर सोशल मीडिया पर इसके वायरल होते ही आसपास से भी हिंसा की खबरें आने लगीं। उपद्रवियों की संख्या बढ़ने पर और पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई। लोगों से घरों के भीतर रहने के लिए कहा गया और हेलीकॉप्टर की मदद से स्थिति पर नजर रखी गई। दंगा अधिक फैलने के पहले ही उसे काबू में कर लिया गया।