Protest : INDIA का आज बजट के खिलाफ प्रदर्शन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने मंगलवार को 47.66 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया. बजट को लेकर देशभर में मिलीजुली प्रतिक्रिया आई. बीजेपी ने जहां इस बजट को विकसित भारत का बजट बताया, वहीं विपक्षी गठबंधन INDIA (Indian National Developmental Inclusive Alliance) ने इसे राज्यों के साथ भेदभाव करने वाला बजट बताया. इतना ही नहीं इसी बात को लेकर विपक्षी गठबंधन बजट के खिलाफ आज विरोध प्रदर्शन करेगा. भारत के बजट इतिहास में शायद ये पहला मौका होगा जब बजट के खिलाफ विपक्ष प्रदर्शन करे जा रहा है.
मल्लिकार्जुन खड़गे के घर हुई इंडिया ब्लॉक की बैठक
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट को लेकर विपक्ष बुरी तरह से खफा है. मंगलवार को INDIA ब्लॉक के नेताओं की बैठक में आज संसद में बजट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (Protest) करने का फैसला लिया गया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि जिन जिन राज्यों में गैर-बीजेपी सरकार है, वहां-वहां बजट ब्लैक आउट हो गया है. विपक्ष इसे लेकर संसद में विरोध प्रदर्शन करेगा. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने देश का बजट पेश नहीं कर बीजेपी का बजट पेश किया है.
कांग्रेस ने बजट को बताया नकलची
कांग्रेस ने मंगलवार को पेश बजट को ‘नकलची’ औऱ ‘कुर्सी बचाओ’ बजट करार दिया. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने उसके चुनावी घोषणा-पत्र से कई बिंदुओं को ‘कॉपी-पेस्ट’ कर लिया. विपक्ष ने बजट को लेकर कहा कि इस बजट में महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं और आम लोगों को कोई राहत नहीं दी गई है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की तरक्की वाला नहीं, बल्कि ‘मोदी सरकार बचाओ’ बजट पेश किया है.
“Kursi Bachao” Budget.
– Appease Allies: Hollow promises to them at the cost of other states.
– Appease Cronies: Benefits to AA with no relief for the common Indian.
– Copy and Paste: Congress manifesto and previous budgets.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 23, 2024
‘सरकार ने कुर्सी बचाओ बजट पेश किया’
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह बजट कुर्सी बचाओ बजट है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी को खुश करने के लिए दूसरे राज्यों की कीमत पर खोखले वादे किए गए हैं. राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कियाऔर लिखा कि सहयोगियों को खुश करने के लिए अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे किए गए हैं. अपने मित्रों को खुश किया गया, ‘एए’ को लाभ दिया गया, लेकिन आम भारतीय को कोई राहत नहीं दी गई.
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