By-election Result : बंगाल में जिन चार सीटों के उपचुनाव हुए उनमें तीन भाजपा के पास थीं। इन सभी पर टीएमसी ने जीत दर्ज की। बंगाल का परिणाम तो भाजपा को सकते में डालने वाला रहा।
सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में 10 जुलाई को मतदान हुआ था जिसकी मतगणना आज हुई। 13 में से 10 पर विपक्षी गठबंधन INDIA के प्रत्याशियों की जीत हुई है।पहला परिणाम जालंधर वेस्ट से आया जहां से आम आदमी पार्टी के मोहिंदर सिंह 37 हजार से अधिक वोटों से जीते। दूसरे स्थान पर भाजपा प्रत्याशी रहा। पिछले चुनाव में यह सीट कांग्रेस ने जीती थी। उपचुनाव में कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही।
उत्तराखंड की दोनों सीटों पर कांग्रेस जीती
उत्तराखंड की दो सीटों पर कांग्रेस ने बेहतर परिणाम दिया। मंगलोर सीट से कांग्रेस के काजी मुहम्मद निमामुद्दीन जीते हैं। उन्होंने भाजपा के करतार सिंह भड़ना को 422 मतों से हराया जबकि बदरीनाथ की सीट पर भी कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला ने भाजपा के राजेंद्र सिंह भंडारी को 5224 मतों से शिकस्त दी। दोनों सीटें हाथ से निकलना यह प्रदेश की भाजपा सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
बंगाल की चारों सीटें ममता की पार्टी को
बंगाल में सभी चारों सीटों पर तृणमूल कांग्रेस जीती। इन चारों सीटों पर टीएमसी शुरू से ही आगे रही। सबसे बड़ी जीत से सुपति पांडे की रही। उन्होंने भाजपा के कल्याण चौबे को 60 हजार से अधिक मतों से हराया। रायगंज से कृष्णा कल्याण ने भाजपा के मानस घोष को 50 हजार से अधिक मतों से हराया। बागदा से मधुपर्णा ठाकुर ने भाजपा के बिनय कुमार बिश्वास को 33454 मतों से हराया। रानाघाट दक्षिण से मुकुटमणि अधिकारी ने भाजपा के मनोज कुमार बिश्वास को 3904 मतों से हराया। इसी तरह इस तरह टीएमसी ने इन सीटों पर अपनी पकड़ सिद्ध कर दी। भाजपा दूसरे स्थान पर रही। सीपीएम और कांग्रेस तीसरे स्थान पर रहे। तीनों सीटों पर टीमएसी की जीत बताती है कि ममता बनर्जी की पकड़ कहीं से कमजोर नहीं हुई है।
हिमाचल में दो सीटें कांग्रेस को
हमीरपुर में भाजपा के आशीष शर्मा ने कांग्रेस के डा पुष्पेंद्र वर्मा को हरा की जीत हासिल की लेकिन शेष दो सीटें कांग्रेस को मिलीं। आशीष शर्मा भी मात्र 1571 मतों से जीते। देहरा सीट से मुख्यमंत्री सुख्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर लगभग दस हजार मतों से चुनाव जीत गई हैं। उन्हेांने नौ हजार से अधिक मतों से भाजपा के होशियार सिंह को हराया। नलगढ़ की सीट भी कांग्रेस की झोली में गई। वहां से हरदीप सिंह बावा ने नौ हजार से अधिक मतों से भाजपा प्रत्याशी को हराया। इन तीनों सीटों से कांग्रेस के विधायकों ने इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन कर ली थी। उपचुनाव में भाजपा ने इन्हें ही अपनी पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया था और वे सभी चुनाव हार गए। भाजपा का यह प्रयोग बुरी तरह फेल रहा। लोकसभा चुनाव में भी दूसरी पार्टी छोड़ कर भाजपा में आए लोगों को जब टिकट दिया गया तो उनमें अधिकतर हार गए थे।
बिहार में निर्दलीय शंकर सिंह ने बाजी मारी
बिहार की रुपौली सीट से कभी जदयू,कभी राजद और कभी निर्दलीय प्रत्याशी आगे पीछे होते रहे। अंत में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह विजयी घोषित हुए। उन्होंने 8204 मतों से जदयू के कलाधर मंडल को हराया। राजद की बीमा भारती तीसरे स्थान पर रहीं। मप्र में अमरवाड़ा सीट से कांग्रेस के धीरेंद्र शाह और भाजपा के कमलेश प्रताप शाह के बीच कांटे की टक्कर रही। कभी धीरेंद्र तो कभी कमलेश आगे रहे लेकिन अंतिम परिणाम कमलेश शाह के पक्ष में गया। उन्होंने तीन हजार मतों से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया।
तमिलनाडु में द्रमुक भारी
तमिलनाडु की विक्रवंडी सीट से द्रमुक के अन्नियुर शिवा ने पीएमके के अनुबुमानी को 67757 मतों से हराया। इन उपचुनावेां में यह सबसे बड़ी जीत है। बंगाल की रायगंज, राणाघाट दक्षिण, बागदा और मानिकतला, उत्तराखंड की बदरीनाथ और मंगलोर, पंजाब की जालंधर वेस्ट, हिमाचल प्रदेश में देहरा, हमीरपुर और नालागढ़, बिहार की रूपौली, तमिलनाडु की विक्रवंडी, मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा सीटों पर उपचुनाव हुए थे।
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