रविवार की शाम एक घंटे 10 मिनट तक चली प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान को हुए नुकसान के बारे में जानकारी देते हुए DGMO लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि 7 मई को सीमा पार 9 ठिकानों पर कार्रवाई की गई जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। मारे गए आतंकवादियों में 3 वे शीर्ष आतंकी भी शामिल थे जो कंधार विमान अपहरण और पुलवामा हमले में शामिल थे।
उन्होंने ये भी बताया कि इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से सीमावर्ती इलाकों में हमले की कोशिश की जिन्हें नाकाम कर दिया गया, जिन्हें हवा में ही मार गिराया गया। उनके एक भी टारगेट को सफल नहीं होने दिया गया। भारत की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के 35 से 40 सैनिक और सैन्य अधिकारी मारे गए। सीमा पर पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में भारत के 5 जवान शहीद हुए हैं।
एयर मार्शल भारती ने भारतीय जवाबी हमले से पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरें दिखाते हुए कहा, “हमने टेररिस्ट और टेररिस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को टारगेट किया. पाकिस्तानी मिलिट्री और किसी और इन्फ्रास्ट्रक्चर को टारगेट नहीं किया। मुरीदके के टेररिस्ट कैंप पर हवा से सतह पर मार करने वाली चार टारगेटेड मिसाइल से हमला किया और उसे न्यूट्रलाइज्ड किया.”
एयर मार्शल भारती ने कहा कि 7 मई की रात उनके लाहौर और गुजरांवाला स्थित रडार सिस्टम को निशाना बनाया गया । उन्हें हम यह बताना चाहते थे कि उनके मिलिट्री ठिकानें हमारी पहुंच से दूर नहीं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 8-9 मई को पाकिस्तान ने ड्रोन और विमान से हमारी सीमा पर हमला किया था लेकिन हमारे मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाने की उनकी अधिकतर कोशिश नाकाम रही। हमने उनके एयर कमांड सिस्टम के साथ उनके चकलाला, रफीकी, रहरयान खान में हमला किया। उन्होेंने यह भी कहा कि हमारे पा्स उनके हर एयरबेस को निशाना बनाने की क्षमता है।
DGMO घई ने 12 मई को पाकिस्तान के साथ बातचीत होने की जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तान के DGMO का 10 मई को3.30 बजे कॉल आया था जिसमें तय हुआ था कि शाम7 बजे के बाद कोई हमला नहीं किया जाएगा।
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