अमित शाह को बनाएंगे पीएम: केजरीवाल
केजरीवाल ने चार बातें कहीं- पहला इस चुनाव के बाद अमित शाह ( Amit Shah) प्रधान मंत्री बनेंगे क्योंकि अगले 15 सितंबर को मोदी जी ( Narendra modi) 75 वर्ष के होने जा रहे हैं और उन्हीं के बनाये नियम के अनुसार 75 साल का व्यक्ति सक्रिय राजनीति से अलग हो जाएगा। उन्होने कहा कि खुद मोदी ने ऐसे कई नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया है। उन्होंने कई नाम भी लिए। दूसरी बात यह कि भाजपा पूरे देश में अधिक से अधिक 220 सीटें जीत रही है और वह सरकार नहीं बना सकती। उन्होंने यह भी बताया कि उनके आकलन के अनुसार किस-किस राज्य में भाजपा हार रही है। तीसरी बात यह कि सरकार बनाने के बाद दो महीने में वह योगी को मुख्यमंत्री पद से हटा देंगे। चौथी बात यह कि सरकार बनाने के बाद वह आरक्षण को समाप्त कर देंगे।
अखिलेश यादव ने भी उनकी हां में हो मिलाते हुए कहा कि भाजपा 143 से अधिक सीटें नहीं जीतने वाली है। 543 में से चार सौ पार का अर्थ 143 ही होता है। दूसरी बात यह कि सरकार बनने पर वह संविधान बदल कर आरक्षण को समाप्त कर देंगे।
कौन सी बात सही मानी जाय
इन दोनों नेताओं के बयान अपने में कितने विरोधाभासी हैं,यह किसी भी सतर्क व्यक्ति की समझ में आ जाएगा। यदि भाजपा नहीं जीतने वाली है तो वह अन्य कोई कदम कैसे उठा सकती है। वह अमित शाह को कैसे पीएम बना सकते हैं। मतलब कि आपने मान लिया है कि वह जीत कर सरकार बनाने जा रही है तभी तो आपके कथन के अनुसार अमित शाह को पीएम बनाया जाएगा अन्य बातें की जा सकेंगी। माने एक बार तो आप भाजपा के न जीतने की बात कहते हैं और तुरंत सरकार बनाने की भी।
143 सीटें जीतेगी भाजपा: अखिलेश
यही बात अखिलेश भी कहते हैं। उनकी गणित तो वह ही जाने कि कैसे 543 में से चार सौ घटा कर 143 बता दिया। वह यह भी कह चुके हैं कि वह यूपी में एक को छोड़ कर सभी सीटें जीतने वाले हैं। सिर्फ बनारस की सीट ही लड़ाई में है। वह भी भाजपा के जीतने पर आरक्षण समाप्त करने की बात कहते हैं।
परस्पर विरोधाभासी बयान
देखा जाय तो पूरी प्रेस कांफ्रेंस ही परस्पर विरोधाभासी है। एक बात दूसरी बात को काटती है। यदि एक सही माना जाए तो दूसरी गलत हो जाती है। वास्तव में दोनों नेताओं ने यूपी की जनता को मूर्ख समझने का भ्रम पाल लिया है। वे ऐसी बात कह कर मतदाताओं को भ्रमित करना चाहते हैं। यह तो चार जून ही बताएगा कि वे अपने मकसद में कितना सफल हुए। लेकिन कम से कम दोनों नेताओं को भाजपा की सीटें तो एक सी बतानी चाहिए थी।
स्वाति मालिवाल मामले में चुप्पी
प्रेस कांफ्रेंस का संचालन आप के राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ( Sanjay singh) कर रहे थे। जब केजरीवाल से स्वाति मालिवाल ( swati maliwal) के प्रकरण पर पूछा गया तो केजरीवाल की जगह वह जवाब देने आगे आए और पूरी बात घुमा-फिरा कर भाजपा से ही सवाल पूछ लिया। पत्रकार स्वाति के मामले में जवाब जानने से वंचित रह गए। और सबसे महत्वपूर्ण तो यह कि जिस बिभव ( bibhav) पर स्वाति के साथ मारपीट करने का आरोप है, वह केजरीवाल के साथ उनकी गाड़ी में थे।
केजरीवाल को पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग
और अंत में एक बात और । आज ही एक खबर और आई है। आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को प्रधान मंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए। जिस तरह वह दिल्ली में बेहतर सरकार चला रहे हैं,उसी तरह वह केंद्र में सरकार चला सकते हैं।