चुनावी नतीजों को लेकर कांग्रेस का EC पर हमला, दी कोर्ट जाने की धमकी

कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में गड़बड़ियों की शिकायतों को लेकर चुनाव आयोग पर आरोप लगाए हैं और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है, कहकर कि आयोग के उत्तरों में व्यक्तिगत हमले हो रहे हैं।

कांग्रेस का EC पर हमला, कोर्ट जाने की धमकी
Written By : MD TANZEEM EQBAL | Updated on: November 1, 2024 8:16 pm

Congress attacks EC : हरियाणा विधानसभा चुनाव में  तथाकथित ‘गड़बड़ियों’ की शिकायतों को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने आयोग पर अपने नेताओं पर “व्यक्तिगत हमले” करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर आयोग का यही रवैया जारी रहा तो वह कानूनी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी। शुक्रवार को जारी एक कड़े पत्र में कांग्रेस ने आयोग की भाषा को “अपमानजनक” करार दिया।

कांग्रेस की शिकायतें और आयोग का सख्त जवाब

कांग्रेस का कहना है कि उसकी शिकायतें हरियाणा चुनाव में “खास मुद्दों” पर केंद्रित हैं और आयोग के पद का सम्मान करते हुए लिखी गई हैं। लेकिन चुनाव आयोग के जवाब में ऐसा लहजा इस्तेमाल हुआ, जिससे पार्टी को जवाब देना जरूरी हो गया। मंगलवार को आयोग ने कांग्रेस पर “झूठे आरोप लगाने” का आरोप लगाते हुए कहा कि जब नतीजे मन के मुताबिक नहीं आते, तो पार्टी “बेबुनियाद और सनसनी फैलाने वाली” शिकायतें करती है।

तटस्थता पर सवाल,कानूनी कदम की चेतावनी

congress attacks EC: कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अगर मौजूदा चुनाव आयोग “तटस्थता (बिना पक्षपात का) खत्म” करने की कोशिश में है, तो वह इसमें सफल हो रहा है। पार्टी ने चेताया कि अगर आयोग का यही लहजा जारी रहा, तो वह “अपमानजनक टिप्पणियों को हटाने” के लिए कानूनी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी।

 मद्रास हाई कोर्ट मामले का हवाला

कांग्रेस ने 2021 में मद्रास हाई कोर्ट के उस मामले का भी जिक्र किया, जिसमें चुनाव आयोग को चुनावी रैलियों की अनुमति देने के लिए फटकार लगी थी, जिससे कोविड के मामले बढ़े थे। कांग्रेस ने इसे आयोग की “पारदर्शिता से दूरी” की मिसाल बताया।

पूरी तरह से चौंकाने वाले नतीजे' पर भी सवाल

8 अक्टूबर को हरियाणा चुनाव के नतीजों के दौरान शुरुआती बढ़त के बावजूद कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए भाजपा ने 90 में से 48 सीटें जीतीं। कांग्रेस ने नतीजों के “धीरे अपडेट होने” का आरोप लगाया, जिसे आयोग ने खारिज कर दिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे “पारदर्शिता और लोकतंत्र की हार” बताते हुए कहा कि “हरियाणा पर अध्याय अभी खत्म नहीं हुआ।”

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