भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में गुरुवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। डॉ. सिंह, जो देश के पहले सिख प्रधानमंत्री थे, ने 2004 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार का सफल नेतृत्व किया।
AIIMS द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, “डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 की रात 9:51 बजे निधन हो गया। उन्हें उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज चल रहा था। 26 दिसंबर की शाम अचानक चेतना खोने के बाद उन्हें आपातकालीन चिकित्सा सेवा में लाया गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।”
राजनीतिक सफर और योगदान
डॉ. सिंह, जो 1991 में भारत के आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में प्रसिद्ध हुए, ने अपने कार्यकाल के दौरान देश को वैश्विक आर्थिक मंच पर मजबूती से स्थापित किया। 2014 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली थी। उनकी अंतिम सार्वजनिक उपस्थिति अगस्त 2023 में राज्यसभा में हुई थी।
अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार की तैयारियां
डॉ. सिंह के पार्थिव शरीर को शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय (AICC) लाया जाएगा, जहां पार्टी नेता और आम जनता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे। पार्टी नेता संदीप दीक्षित ने बताया कि अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार का कार्यक्रम डॉ. सिंह की बेटी के विदेश से लौटने के बाद तय किया जाएगा। अंतिम संस्कार शनिवार को राजघाट के पास आयोजित किए जाने की संभावना है।
खेल और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने व्यक्त की संवेदनाएं
भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में काली पट्टी पहनकर डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि दी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने बयान जारी करते हुए कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की स्मृति में भारतीय टीम ने काली पट्टी पहनकर खेला।”
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने डॉ. सिंह को “भारत-अमेरिका साझेदारी के महान समर्थक” बताया। उन्होंने कहा, “डॉ. सिंह का नेतृत्व भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले गया। उनके आर्थिक सुधारों ने भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया।”
डॉ. सिंह के सम्मान में देशभर में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। उनकी शांत और विनम्र नेतृत्व शैली ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक आदर्श व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया।
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन न केवल भारत के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है। उनकी दूरदर्शिता और योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
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