डीएमआरसी के अनुसार नई फेयर स्लैब्स इस प्रकार हैं:-
दूरी (किमी) पुराना किराया (₹) नया किराया (₹) वृद्धि (₹)
0–2 किमी 10 11 +1
2–5 किमी 20 21 +1
5–12 किमी 30 32 +2
12–21 किमी 40 43 +3
21–32 किमी 50 54 +4
32 किमी से अधिक 60 64 +4
एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन — — +1 से +5 तक
इस तरह न्यूनतम किराया अब ₹11 और अधिकतम ₹64 हो गया है। आठ साल बाद हुई इस किराया वृद्धि से दिल्ली मेट्रो में रोजाना सफर करने वाले लाखों यात्रियों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। डीएमआरसी का कहना है कि बिजली, रखरखाव और परिचालन की बढ़ती लागत को देखते हुए यह कदम उठाना आवश्यक था। यहां ये उल्लेखनीय है कि अभी देश में मुद्रा स्फीति यानि महंगाई दर बहुत कम है और हाल फिलहाल बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
किराया बढ़ने के बाद यात्रियों ने नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि मेट्रो आम आदमी और छात्रों के बजट पर भारी पड़ रही है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने बिना पूर्व सूचना अचानक वृद्धि को अनुचित ठहराया है। वहीं, कुछ यात्रियों का मानना है कि अगर सेवा की गुणवत्ता, सुरक्षा और समयबद्धता बनी रहती है, तो यह बढ़ोतरी जायज है।
दिल्ली मेट्रो की वर्तमान स्थिति
दिल्ली मेट्रो को देश में आधुनिक शहरी परिवहन का चेहरा माना जाता है। इसकी स्थापना 3 मई 1995 को केंद्र और दिल्ली सरकार की बराबर हिस्सेदारी के साथ हुई थी। दिल्ली में पहली मेट्रो ट्रेन सेुवा 25 दिसंबर 2002 को शाहदरा–तीस हजारी कॉरिडोर के रूप में हुई और आज की तारीख में दिल्ली और न्यू कैपिटल रीजन में करीब 394 किमी लंबा नेटवर्क है और इनमें 289 स्टेशन पड़ते हैं। इस नेटवर्क में नोएडा-ग्रेटर नोएडा कॉरिडोर और गुरुग्राम की रैपिड मेट्रो भी शामिल है।
मेट्रो की एयर कंडीशंड और पर्यावरण-अनुकूल सेवाओं ने न केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि पूरे देश में जन परिवहन का परिदृश्य बदल दिया है।
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