इंडिगो संकट के बीच मनमानी पर DGCA सख्त, तय किया अधिकतम किराया

इंडिगो एयरलाइंस के परिचालन संकट के बीच देश में हवाई यात्रियों को खुले तौर पर महंगे किराए का सामना करना पड़ा। बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने और सीटों की कमी के चलते अन्य घरेलू एयरलाइंस ने टिकटों के दाम अचानक कई गुना बढ़ा दिए। दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-लखनऊ, बेंगलुरु-कोलकाता जैसे व्यस्त मार्गों पर कुछ दिनों के लिए इकॉनमी क्लास के टिकट 25 से 40 हजार रुपये तक बिकने लगे। इस हालात को “संकट के समय मुनाफाखोरी” मानते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सख्त कदम उठाया है।

Written By : रामनाथ राजेश | Updated on: December 7, 2025 11:52 pm

सरकार ने घरेलू उड़ानों के लिए अधिकतम किराया (फेयर कैप) तय कर दिया है। नए निर्देशों के अनुसार, इकॉनमी क्लास में दूरी के आधार पर टिकट का अधिकतम मूल्य निर्धारित किया गया है। 500 किलोमीटर तक की उड़ानों का किराया 7,500 रुपये से अधिक नहीं होगा, जबकि 500 से 1,000 किलोमीटर तक यह सीमा 12,000 रुपये तय की गई है। 1,000 से 1,500 किलोमीटर तक की उड़ानों पर अधिकतम किराया 15,000 रुपये और 1,500 किलोमीटर से अधिक दूरी वाली उड़ानों पर 18,000 रुपये से ऊपर टिकट नहीं बेचे जा सकेंगे। यह किराया सीमा टैक्स और एयरपोर्ट शुल्क के अतिरिक्त होगी।

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इंडिगो के संकट के कारण बाजार में अस्थायी रूप से क्षमता घटी, जिसका फायदा उठाकर कुछ एयरलाइंस और ऑनलाइन टिकट प्लेटफॉर्म ने मनमाने दाम वसूले। यात्रियों की लगातार शिकायतों और मीडिया रिपोर्टों के बाद सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा। मंत्रालय ने साफ किया है कि यह व्यवस्था अस्थायी है और हालात सामान्य होने तक लागू रहेगी।

DGCA ने सभी एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि वे तय किराया सीमा का सख्ती से पालन करें। साथ ही ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों और बुकिंग प्लेटफॉर्म्स को भी निर्देश भेजे गए हैं कि वे तय सीमा से अधिक किराए पर टिकट न बेचें। आदेश का उल्लंघन करने पर जुर्माना और नियामकीय कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

यात्रियों ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि संकट के समय हवाई किराए में कई गुना बढ़ोतरी आम आदमी के लिए यात्रा को असंभव बना देती है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम देर से उठाया गया, क्योंकि बड़ी संख्या में यात्रियों को पहले ही महंगे दाम देकर सफर करना पड़ा।

सरकार का कहना है कि जैसे ही उड़ानों का संचालन पूरी तरह सामान्य होगा और बाजार में सीटों की उपलब्धता बढ़ेगी, तब किराया सीमा पर पुनर्विचार किया जाएगा। फिलहाल, यह फैसला इंडिगो संकट के बीच यात्रियों को राहत देने और एयरलाइंस की मनमानी वसूली पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से लिया गया है।

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