उत्तरकाशी के धराली में 58 सेकेंड में जमींदोज हो गए दर्जनों मकान, 4 की मौत और 50 से ज्यादा लापता

उत्तरकाशी (Uttarkashi) के धराली (Dharali) गांव में मंगलवार को बादल फटने (Cloudburst)से बाढ़ आ गई और चारों ओर त्राहिमाम मच गया। खीर गंगा (Ganga) में आई बाढ़ और मलबे् में अभी तक 4 लोगों की मौत हुई है और 50 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है। रेस्क्यू टीमें राहत-बचाव (Rescue Operations) कार्य में जुटी हैं।

Written By : ध्रुव गुप्ता | Updated on: August 6, 2025 12:45 pm

हर साल की तरह इस बार भी मानसून में उत्तराखंड के पहाड़ों में बादल फटने, बाढ़, भूस्खलन जैसे तबाही की खबरें आ रही थीं लेकिन उत्तरकाशी के धराली में मंगलवार जो  हुआ उसकी किसी ने कल्पना  नहीं की थी। धराली गंगा नदी के तट पर स्थित है और हिमालय की गोद में बसे होने के कारण एक अहम पर्यटन और तीर्थस्थल है। ये गंगोत्री धाम का अहम पड़ाव है और ये इलाका मां गंगा के मायके मुखबा के बेहद करीब है।  दोपहर करीब पौने दो बजे देखते ही देखते दर्जनों होटल और घर  मलबे में बदल गए।

मौसम विज्ञान विभाग ने बादल फटने की कोई चेतावनी नहीं  जारी की। वो अब बादल फटने की घटना से भी इनकार कर रहा है। लोगों का कहना है कि धराली में तीन  जगहों पर बादल फटे हैं। सेना की रेस्क्यू टीमें मलबे में फसे लोगों और घायलों को बचाने में जुटी हैं लेकिन हालात इतने खराब हैं कि बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं। बचाव कार्य सेना, NDRF, SDRF, ITBP और पुलिस की टीमें साथ मिलकर काम कर रही हैं। हर्षिल में  सेना का कैंप है जो धराली के काफी पास है, सेना की रेस्क्यू टीमों ने तुरंत प्रभावित इलाकों में जाकर बचाव कार्य शुरू कर दिया।

सोशल मीड़िया पर वायरल तस्वीरें और वीड़ियोज़ में वो भयानक नजारा देखा जा सकता है जिसमें गंगा नदी अपने पूरे उफान पर है और चारों ओर तबाही का मंजर है। विशेषज्ञों की मानें तो सैलाब की रफ्तार 43 किलोमीटर प्रति घंटा थी क्योंकि करीब 12 हज़ार 600 फीट की ऊंचाई पर बादल फटा। बचाव कार्य के लिए MI-17 और चिनूक से लेकर 7 हेलिकॉप्टर तैयार हैं लेकिन, इस आपदा में एक हेलीपैड़ भी तबाह हो गया। साथ ही गंगोत्री हाईवे भी बंद हो गया है जो यातायात के लिए अहम है। इसीलिए अब तकनीक और सेंसर की मदद से मलबे में दबे लोगों को खोजा जा रहा है।

इस आपदा में कम से कम नुकसान हो और लापता लोगोंं को अपने प्रियजनों से मिलवाने के लिए देहरादून से दिल्ली तक, सारा सरकारी तंत्र लगा हुआ है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा के बारे में सीधे सीएम धामी से जानकारी ली  है । केंद्र सरकार ने उत्तराखंड की राज्य सरकार को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्ववासन दिया है।

उत्तरकाशी की ये आपदा कोई पहली घटना नहीं है। पर्यावरणविद इसे प्रकृति के साथ किए जा रहे खिलवाड़ का  नतीजा बता रहे हैं।  हर साल इस इलाके में  जानमाल का नुकसान हो रहा है। जरूरत है कि हम प्रकृति से निर्माण के नाम पर छेड़छाड़ न करें।

ये भी पढ़ें – बिहार में शिक्षक बहाली में लागू होगी डोमिसाइल पॉलिसी, बिहारियों को मिलेगा लाभ

4 thoughts on “उत्तरकाशी के धराली में 58 सेकेंड में जमींदोज हो गए दर्जनों मकान, 4 की मौत और 50 से ज्यादा लापता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *