Diabetes में अंग्रेजी दवाएं क्या आपको कर रही हैं और बीमार?

मधुमेह (Diabetes), आपकी लाइफस्टाइल (Lifestyle) से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें रोगी को समय पर दवाओं के साथ-साथ अपनी डाइट और नियमित रूप से एक्सरसाइज (Exercise) करने की जरूरत होती है। कुछ मामलों में डायबिटीज (Diabetes) रोगी को इंसुलिन (Insulin) की भी जरूरत पड़ती है।

शुगर लेवल मापते हुए एक व्यक्ति
Written By : दीक्षा शर्मा | Updated on: June 8, 2024 10:40 am

मधुमेह (Diabetes) लाइफस्टाइल (Lifestyle) से जुड़ी बीमारी है। इसके रोगी को दवाओं के साथ डाइट को रेगुलेट करने और नियमित रूप से एक्सरसाइज (Exercise) करने की जरूरत होती है। डायबिटीज (Diabetes) रोगी को इंसुलिन (Insulin) की कमी हो जाती है और उसे पूरा करने के लिए बाहर से शरीर में इसे पहुंचाना पड़ता है। इस बात को ध्यान में रखना जरूरी है कि अगर एक बार आपने इंसुलिन लेना चालू कर दिया तो आपका फिर से दवाइयों की तरफ लौटना मुश्किल हो जाता है। इसी डर से बहुत से लोग दूसरी चिकित्सा पद्धतियों का रुख करते हैं, जिसमें आयुर्वेदा (Ayurveda)और होम्योपैथी (Homeopathy) शामिल है। हम जानेंगे डायबिटीज़ में ली जाने वाली एलोपैथी दवाइयों और उनके दुष्प्रभाव के बारे में :

डायबिटीज़ में एलोपैथिक इलाज (Allopathic treatment for diabetes)

एलोपैथिक दवाइयों का सबसे बड़ा लाभ यह है कि ये एविडेंस बेस्ड होती हैं. इसका मतलब है कि हर दवा का क्लीनिकल टेस्ट (Clinical test) हुआ होता है. उसके बाद ही डॉक्टर बीमारी का इलाज करने के लिए दवा लिखते हैं। एलोपैथी दवाइयां डायबिटीज़ को शीघ्र संतुलन में लाने में मदद करती हैं। इन्हें लेना आसान होता है ,अधिकतर खाने वाली दवाइयां पानी के साथ ली जाती हैं.

डाइबिटीज़ (Diabetes) की एलोपैथिक दवाइयां (Allopathic Medicines)

वैसे तो सभी प्रकार की डायबिटीज और उसके स्तर के हिसाब से ही रोगी को दवा दी जाती है पर आमतौर पर डॉक्टर जो दवाइयां डायबिटीज़ के लिए लिखते हैं वो कुछ इस प्रकार हैं

• मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड (Metformin hydrochloride)
• एम्पाग्लिफ़्लोज़िन ( Empagliflozin )
• एक्सेनाटाइड ( Exenatide )
• ग्लिपीजाइड (Glipizide)
• मिग्लिटोल ( Miglitol )
• लिनाग्लिप्टिन ( Linagliptin )
• पियोग्लिटाजोन ( Pioglitazone )
• सीटाग्लिप्टिन ( Sitagliptin )
• सैक्साग्लिप्टिन ( Saxagliptin )
• डैपाग्लिफ्लोज़िन ( Dapagliflozin )
ये दवाइयां हमें डायबिटीज़ के त्वरित इलाज में सहायता करती हैं। जैसा हम जानते ही हैं कि डायबिटीज़ की दवाइयां रोज लेनी होती हैं तो क्या आपने कभी सोचा है कि इसके कुछ दुष्प्रभाव ( Side-effects) भी हो सकते हैं?

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क्या हैं डायबिटीज़ की ऐलोपैथिक दवाईयों के दुष्प्रभाव ? (Side effects of Allopathic Medicines in diabetes)

एक बहुत पुरानी कहावत है गुड़ खाए गुलगुले से परहेज करें…. मतलब यदि आप काजल की कोठरी में सफेद शर्ट पहन कर लौट लगाएंगे और आप यह उम्मीद करेंगे कि मेरा शर्ट पूरी तरह सफेद ही रहे तो यह तो बहुत बड़ी नादानी होगी।
अंग्रेजी दवाएं बहुत प्रकार की केमिकल से मिलकर बनती हैं इन केमिकलों का कुछ प्रभाव होता है और कुछ दुष्प्रभाव… और चाहे इन्हें कितनी ही पक्षीय अवस्था में लिया जाए लेकिन ये शरीर पर कुछ ना कुछ नुकसान तो पहुंचाती ही हैं….
बहुत साधारण सी दिखने वाली दवाएं जैसे की सर्दी- खांसी या साधारण जुकाम या दस्त में ली जाने वाली दवाएं भी इतना अधिक दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है कि यदि इसके बारे में आप का डॉक्टर आपको बता दें तो आप शायद ये  दवा ले ही ना पाएं।
यहां सामान्य और गंभीर दोनों तरह के साइड इफेक्ट हैं जो मरीजों को इंसुलिन (Insulin)और डायबिटीज की विभिन्न दवाएं लेते समय अनुभव हो सकते हैं।

सामान्य साइड इफेक्ट

हाइपोग्लाइसीमिया (लो-ब्लड शुगर)– यह कई डायबिटीज दवाओं, विशेष रूप से इंसुलिन और सल्फोनीलुरिया के सबसे आम साइड इफेक्ट में से एक है। इसके लक्षणों में कंपकंपी, पसीना आना, भ्रम और चक्कर आना शामिल हैं।

वजन बढ़ना डायबिटीज की कुछ दवाएं वजन बढ़ा सकती हैं। विशेष रूप से इंसुलिन और सल्फोनीलुरिया

• डाइजेशन की समस्या- मतली, दस्त और पेट की परेशानी जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं डायबिटीज की दवा (विशेष रूप से मेटफॉर्मिन) के सबसे आम साइड इफेक्ट में से कुछ हैं।

इंजेक्शन का रिएक्शन– जो लोग इंसुलिन या अन्य इंजेक्शन वाली दवाएं ले रहे हैं उनके लिए इंजेक्शन लगने की जगह पर लालिमा (रेडनेस), सूजन या खुजली होना आम है लेकिन गंभीर नहीं होती है।

• सिरदर्द- डायबिटीज की दवा के साइड इफेक्ट में सिरदर्द भी शामिल है। सिरदर्द कुछ डायबिटिक दवाओं, (विशेष रूप से डीपीपी-4 इन्हिबिटर्स और जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट) के साइड इफेक्ट के रूप में हो सकता है।

• स्किन रिएक्शन- डायबिटीज की कुछ दवाएँ जैसे कि जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट लेने पर कुछ लोगों को त्वचा पर चकत्ते या खुजली जैसी समस्याओं का अनुभव हो सकता है।

• गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ( gastrointestinal) की समस्या- मतली और दस्त के अलावा, पेट फूलना (गैस), सूजन और कब्ज भी कुछ दवाओं से जुड़े सामान्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल साइड इफेक्ट हैं।

• इंजेक्शन की जगह पर हाइपरसेंसटिवी (Hypersensitivity) – इंसुलिन या अन्य इंजेक्शन का इस्तेमाल करने वाले व्यक्तियों के लिए ये समस्या गंभीर नहीं होती हैं। असुविधा(डिसकंफर्ट) और त्वचा की लालिमा(Redness) का कारण बन सकती हैं।

• यूरिन इंफेक्शन(UTI)- डायबिटीज की कुछ दवाएं (विशेष रूप से एसजीएलटी-2 इन्हिबिटर्स) यूटीआई के खतरे को बढ़ा सकती हैं। जिससे बार-बार यूरिन आना, दर्द या पेशाब(यूरिन) के दौरान जलन जैसे लक्षण हो सकते हैं।

• ज्यादा प्यास लगना और यूरिनेशन- कुछ दवाएं जैसे एसजीएलटी-2 इन्हिबिटर्स के कारण ज्यादा प्यास और ज्यादा पेशाब का कारण बन सकती हैं।

गंभीर साइड इफेक्ट-

• गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया (Severe Hypoglycemia)- यदि ब्लड शुगर लेवल बहुत कम हो जाता है तो इससे बेहोशी और दौरे पड़ सकते हैं यदि इलाज न किया जाए तो यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है।

• एलर्जी ( Allergy) – रेयर होते हुए भी कुछ लोगों को इंसुलिन और डायबिटीज की दवाओं से गंभीर एलर्जी रिएक्शन का अनुभव हो सकता है जो सांस लेने में कठिनाई, चेहरे या गले की सूजन और पित्ती के रूप में सामने आ सकती है।

• लैक्टिक एसिडोसिस (Lactic acidosis)- यह मेटफॉर्मिन से जुड़ा एक रेयर लेकिन गंभीर साइड इफेक्ट है। जो ब्लड में लैक्टिक एसिड के हाई लेवल की विशेषता है। इससे गंभीर हेल्थ समस्याएं हो सकती हैं।

• पैंक्रियाटाइटिस(अग्नाशयशोथ)- कुछ मामलों में डीपीपी-4 इन्हिबिटर्स जैसी दवाएं अग्नाशयशोथ से जुड़ी हुई हैं। जो पैंक्रियाज(अग्न्याशय) की एक दर्दनाक सूजन है।

• किडनी की समस्या- एसजीएलटी-2 इन्हिबिटर्स को किडनी से संबंधित साइड इफेक्ट से जोड़ा जाता है। जिसमें किडनी इंजुरी और यूरिन इंफेक्शन शामिल हैं जो गंभीर हो सकते हैं। इन्ही संभावित दुष्परिणामों के डर से लोग डायबटिक चिकित्सा की अन्य प्रकार के इलाजों पर रुख करने लगें हैं |

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