यूक्रेन के साथ खनिज समझौते में घाटे में रह सकते हैं डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन के साथ खनिज समझौते को अंतिम रूप देने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन इसकी व्यावहारिकता और लाभ को लेकर संदेह बना हुआ है।

Written By : MD TANZEEM EQBAL | Updated on: February 27, 2025 11:07 pm

वाशिंगटन/कीव: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन के साथ एक महत्वपूर्ण खनिज समझौते को अंतिम रूप देने की कगार पर हैं, जिससे अमेरिका को यूक्रेन के विशाल प्राकृतिक संसाधनों तक विशेष पहुंच मिलेगी। हालांकि, इस समझौते की असली कीमत को लेकर संदेह बरकरार है, क्योंकि यूक्रेन के खनिज भंडार का आकलन पुराने सोवियत युग के सर्वेक्षणों पर आधारित है, जो इनके खनन की वास्तविक लागत और व्यावहारिकता को नहीं दर्शाते।

समझौते की शर्तें और चुनौतियां

यूक्रेनी अखबार इकोनॉमिक प्रावदा के अनुसार, इस समझौते के मसौदे में यूक्रेन की सरकारी प्राकृतिक संसाधन आय से 50% हिस्सा एक विशेष कोष में जमा करने का प्रावधान है, जिसका उपयोग देश में निवेश के लिए किया जाएगा। हालांकि, इस सौदे में अमेरिका द्वारा यूक्रेन को किसी प्रकार की सुरक्षा गारंटी नहीं दी गई है

यूक्रेन की प्राकृतिक संसाधन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, देश की धरती में दुनिया के लगभग 5% महत्वपूर्ण खनिज मौजूद हैं। इनमें ग्रेफाइट, लिथियम, टाइटेनियम, बेरिलियम और यूरेनियम जैसे खनिज शामिल हैं, जो बैटरियों, रडार सिस्टम और रक्षा उद्योग के लिए आवश्यक माने जाते हैं। अमेरिका इस सौदे के जरिए चीन पर अपनी खनिज निर्भरता कम करना चाहता है, लेकिन असलियत में यूक्रेन का खनिज भंडार कितना फायदेमंद होगा, यह स्पष्ट नहीं है

खनन में निवेश और लागत की समस्या

यूक्रेनी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, देश में 20,000 खनिज स्थलों की खोज हुई है, लेकिन इनमें से केवल 8,000 को ही व्यावसायिक रूप से उपयोगी माना गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन संसाधनों के दोहन के लिए कम से कम 15 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत होगी

विशेष रूप से, नोवोपोल्टासवके खनिज भंडार, जिसे दुनिया के सबसे बड़े दुर्लभ खनिज स्थलों में से एक माना जाता है, के विकास में करीब 300 मिलियन डॉलर का निवेश आवश्यक होगा। इसके अलावा, इन खनिजों को निकालने और प्रोसेसिंग के लिए उचित बुनियादी ढांचे की भी जरूरत होगी, जिसमें वर्षों का समय लग सकता है।

चीन की भूमिका और भू-राजनीतिक चुनौतियां

दुनिया के लगभग 90% दुर्लभ खनिजों के प्रोसेसिंग पर चीन का एकाधिकार है। अमेरिका और अन्य प्रमुख देश इन खनिजों को परिष्कृत करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और विशेषज्ञता की कमी से जूझ रहे हैं, जिससे उन्हें प्रोसेसिंग के लिए चीन पर निर्भर रहना पड़ता है। यदि यूक्रेन में इस बुनियादी ढांचे को विकसित किया जाता है, तो इसमें लंबा समय लग सकता है और लागत अधिक हो सकती है

इसके अलावा, यूक्रेन के कई महत्वपूर्ण खनिज भंडार वर्तमान में रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों में स्थित हैं। यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री यूलिया स्विरिडेंको के अनुसार, रूस ने करीब 350 अरब डॉलर मूल्य के यूक्रेनी खनिज संसाधनों और गैस भंडार पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में ट्रंप के सामने एक बड़ा सवाल है— क्या वे यूक्रेन को सैन्य और राजनीतिक समर्थन बढ़ाकर इन क्षेत्रों को वापस हासिल करने में मदद करेंगे, या फिर रूस के साथ किसी वैकल्पिक समझौते पर विचार करेंगे?

क्या ट्रंप को मिलेगा लाभ या होगा नुकसान?

अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन खनिजों की आपूर्ति को लेकर अस्थिरता बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन में दुर्लभ खनिजों का खनन तकनीकी चुनौतियों और भारी लागत की वजह से कम फायदेमंद साबित हो सकता हैएसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट के मुताबिक, यदि यह परियोजना लागत-प्रभावी नहीं रही तो अमेरिका को उम्मीद के मुताबिक लाभ नहीं मिल पाएगा।

ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप का यह सौदा अमेरिका के लिए फायदेमंद साबित होगा या घाटे का सौदा बन जाएगा, यह आने वाले समय में ही स्पष्ट होगा

यह भी पढ़े:नीतीश कैबिनेट विस्तार: BJP ने जातीय गणित साधते हुए 7 मंत्री बनाए

One thought on “यूक्रेन के साथ खनिज समझौते में घाटे में रह सकते हैं डोनाल्ड ट्रंप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *