दुलारचंद यादव हत्याकांड : गोली से नहीं फेफड़ा फटने से हुई मौत, दो थानेदार सस्पेंड, 35 गिरफ्तार

बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मोकामा सीट एक बार फिर सुर्खियों में है। जन सुराज पार्टी के लिए प्रचार कर रहे पूर्व बाहुबली दुलारचंद यादव की हत्या ने न सिर्फ स्थानीय राजनीति को झकझोर दिया है, बल्कि पूरे प्रदेश में कानून-व्यवस्था और निष्पक्ष चुनाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि दुलारचंद यादव की मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि बर्बर पिटाई और सीने पर गाड़ी चढ़ाने जैसी हिंसक वारदात से हुई। उनके फेफड़े फट गए और कई पसलियां टूट गईं।

Written By : रामनाथ राजेश | Updated on: November 1, 2025 11:46 pm

दुलारचंद यादव हत्याकांड के बाद निर्वाचन आयोग ने तत्काल सख्त रुख अपनाया। आयोग ने बिहार के डीजीपी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और मोकामा क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए हैं। प्रशासनिक स्तर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए घोसवारी के थानेदार मधुसूदन कुमार और भदौरा के थानेदार रविरंजन को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग और एडीएम चंदन कुमार का तबादला कर दिया गया है। अब तक 35 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनसे पूछताछ चल रही है।

दुलारचंद यादव की हत्या के बाद क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद जन सुराज समर्थकों और स्थानीय वोटरों में असंतोष है। वहीं, इस पूरे घटनाक्रम के बावजूद जयदू (जदयू) उम्मीदवार और कथित मुख्य आरोपी चुनाव प्रचार के लिए फिर मैदान में उतर आए हैं। इससे राजनीतिक माहौल और गरमा गया है। विपक्षी दल इसे प्रशासनिक पक्षपात और सत्ता के दबाव का उदाहरण बता रहे हैं।

मोकामा विधानसभा सीट पहले से ही अपराध और बाहुबली राजनीति के लिए जानी जाती रही है। दुलारचंद यादव भी विवादों से अछूते नहीं थे। उन पर हत्या, रंगदारी और अवैध कब्जे जैसे कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज रहे हैं। लंबे समय तक उन्होंने बाहुबली अनंत सिंह के करीबी के रूप में पहचान बनाई, बाद में उन्होंने अलग रास्ता चुना और इस बार जन सुराज पार्टी से जुड़ गए। तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार, दोनों के साथ उनके पुराने राजनीतिक रिश्ते रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह हत्या सिर्फ एक अपराध नहीं बल्कि मोकामा के चुनावी समीकरण को पूरी तरह बदलने वाली घटना है। इसने मतदाताओं के बीच भय और असुरक्षा का वातावरण पैदा किया है। आयोग के सख्त निर्देशों के बाद अब इस क्षेत्र में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की जा रही है और संवेदनशील बूथों पर विशेष निगरानी की योजना तैयार की जा रही है।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि दुलारचंद यादव की मौत मोकामा में जातीय और बाहुबली प्रभाव वाले वोट बैंक को पुनर्गठित कर सकती है। एक ओर जहां जन सुराज पार्टी इसे “राजनीतिक हत्या” बता रही है, वहीं सत्तारूढ़ दल इस घटना को “पुरानी रंजिश” का परिणाम बताकर बचाव कर रहा है। फिलहाल, मोकामा का यह हत्याकांड बिहार चुनाव की दिशा और सुरक्षा व्यवस्था, दोनों के लिए एक कसौटी बन गया है। आयोग और प्रशासन की अगली कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

ये भी पढ़ें :-जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या से बिहार में माहौल गरमाया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *