Election Result 2024: भाजपा के वोट कम होने के कारणों की तलाश

अब सरकार बनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। एनडीए ( NDA) की बैठकें तो हो ही रही हैं,इंडिया ( INDIA) गठबंधन भी अपनी संभावना तलाशने मे पीछे नहीं हैं। हार की जिम्‍मेदारियां भी ली जाने लगी हैं। देवेंद्र फड़नवीस ( Devendra Fadanvish) ने महाराष्‍ट्र ( Maharashtra) में भाजपा की पराजय की जिम्‍मेदारी लेते हुए उपमुख्‍यमंत्री पद से हटने और पूरा समय संगठन को देने की इच्‍छा व्‍यक्त की है। हार के कारणों की तह में भी जाने की शुरुआत हो गई है, लेकिन भाजपा के गले के नीचे यह हार उतर नहीं रही।

भाजपा के अन्य नेताओं के साथ नरेंद्र मोदी और अमित गडकरी के भी कम हुए वोट
Written By : रामधनी द्विवेदी | Updated on: June 5, 2024 6:40 pm

कुछ जीतें अपवाद भी

मत प्रतिशत में गिरावट क्‍यों हुई,इस पर मंथन चल रहा है। मतों की कमी भाजपा के प्राय: हर छोटे-बड़े प्रत्‍याशी को पड़े मतों में देखी गई। मप्र में शिवराज सिंह चौहान ( ShivRaj Singh Chauhan)   और गुजरात में अमित शाह ( Amit Shah) जैसी कुछ बड़ी जीतों को छोड़ दें तो मतों में यह कमी समान रूप से सभी राज्‍यों में देखी गई।इसी से भाजपा का कुल मत प्रतिशत भी इस बार कम हुआ है।  

मोदी को भी कम वोट पड़े

उप्र के वाराणसी ( Varanasi) में नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi)  को पड़े मतों में लगभग साठ हजार की कमी कम नहीं चौंकाती। मतगणना की शुरुआत मैं तो वह थोड़े समय के लिए पीछे होते भी दिखे। वह कौन से कारक हैं जो मतों को कम कर रहे हैं, इसे जानना भाजपा के शीर्ष नेताओं के लिए आवश्‍यक भी है। इसी तरह अने‍क जीते बड़े नेताओं के वोट मे भी कमी आई। ऐसे नेताओं के वोट कम हुए हैं जो अमूमन अजेय माने जाते हैं।

कई नेताओं को मिले कम वोट

लखनऊ से राजनाथ सिंह,( Raj Nath singh)   नागपुर से नितिन गडकरी,( Nitin Gadkari)  हमीरपुर से अनुराग ठाकुर ( Anurag Thakur) आदि जीते तो जरूर हैं लेकिन इन सबको 2019 की तुलना में कम वोट मिले हैं। राजनाथ सिंह 1,35,159 मतों से जीते और उन्‍हें कुल 6,12,709 मत मिले जब कि 2019 में 6,33,026 मत मिले थे। नितिन गडकरी भी 1,37,603 मतों से जीते और उन्‍हें 5,55,027 मत मिले जबकि 2019 में 6,60,221 मत मिले थे। जो नेता हारे हैं उनके वोट भी कम हुए हैं। सुल्‍तानपुर से हारने वाली मेनका गांधी ( Menka Gandhi) को पिछले चुनाव की तुलना में इस बार 51 हजार कम वोट मिले। उनकी हार मात्र 43,174 मतों से हुई। मतलब यदि वह 2019 में मिले मतों के बराबर मत पा जातीं तो जीत जातीं। अनुराग ठाकुर की अपने क्षेत्र में अच्‍छी पकड़ मानी जाती है लेकिन इस बार उन्‍हें भी लगभग 75 हजार कम वोट मिले। 2019 में उन्‍हें कुल 6,82,691 मत मिले थे जब कि इस बार यह संख्या 6,07,068 से ही संतोष करना पड़ा। अमेठी से 2019 में राहुल गांधी को लगभग 53 हजार मतों से हराने वाली स्‍मृति ईरानी ( Smriti Irani) को 1,67,196 मतों से हार का मुंह देखना पड़ा। उन्‍हें 2019 में कुल 4,68,514 मत मिले थे जबकि इस बार मात्र 3,72,032 मत मिले।

19 मंत्री, 20 दलबदलू हारे

यूपी में तो मोदी सरकार के छह मंत्री हारे। पूरे देश में 19 मंत्री हारे हैं। इस चुनाव परिणाम ने यह भी बता दिया कि जनता ऐनवक्‍त पर दल बदलने वालों को पसंद नहीं करती। चुनाव में भाजपा की ओर से लड़े 25 दलबदलुओं में 20 को हार का सामना करना पड़ा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *