जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब और हिमाचल प्रदेश तक बाढ़-भूस्खलन का कहर

 उत्तर भारत इस समय मानसूनी तबाही से जूझ रहा है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई राज्यों में सड़कें बंद हैं, पुल बह गए हैं और यात्राएं रद्द करनी पड़ी हैं।

पंजब में बाढ़ के कारण सड़कें डूंबीं
Written By : रामनाथ राजेश | Updated on: August 28, 2025 11:58 pm

जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और भूस्खलन की सबसे बड़ी मार कटरा स्थित वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर देखने को मिली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहाँ भूस्खलन में 30 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, कुछ जगहों पर यह संख्या 34 से 41 तक बताई जा रही है। भारी बारिश ने 115 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
मार्ग को फिलहाल बंद कर दिया गया है और बचाव-राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। प्रधानमंत्री और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।

हिमाचल प्रदेश में हालात गंभीर 

हिमाचल प्रदेश में हालात बेहद गंभीर हैं। चम्बा और कुल्लू जिलों में बारिश क्रमशः 396% और 334% अधिक दर्ज की गई। पूरे राज्य में अब तक 158 से अधिक मौतें, 38 लापता और 90 फ्लैश फ्लड की घटनाएं सामने आई हैं। 582 से ज्यादा सड़कें बंद हो चुकी हैं, कई पावर ट्रांसफॉर्मर और पेयजल योजनाएं ठप हैं। मणिमहेश यात्रा को स्थगित कर दिया गया है और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। आर्थिक नुकसान का अनुमान ₹2,600 करोड़ से अधिक है।

पंजाब में नदियां उफान पर,स्कूल बंद

पंजाब भी बाढ़ की चपेट में है। अमृतसर और गुरदासपुर सहित कई जिलों में नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

  • फाजिल्का में चार युवक बाढ़ के पानी में बह गए लेकिन पेड़ से चिपककर उन्होंने अपनी जान बचाई, जिन्हें बाद में NDRF ने रेस्क्यू किया।

  • गुरदासपुर में एक आवासीय विद्यालय के छात्र और कर्मचारी फंसे, प्रशासन ने सभी स्कूलों को 30 अगस्त तक बंद करने का आदेश दिया।

  • भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक पंजाब में हाल के दिनों में बारिश सामान्य से 1200% अधिक दर्ज की गई है।

उत्तराखंड में बार-बार तबाही

इस महीने की शुरुआत में उत्तरकाशी जिले के धाराली गाँव में फ्लैश फ्लड ने तबाही मचाई। इस घटना में कम से कम 5 लोगों की मौत हुई और 50 से अधिक लोग लापता हो गए। सेना, NDRF और SDRF राहत कार्यों में जुटी हुई है। उत्तर भारत का बड़ा इलाका इस समय प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। कहीं श्रद्धालुओं की यात्रा पर संकट है तो कहीं शिक्षा संस्थान बंद करने पड़े हैं। सड़कों और पुलों के टूटने से संपर्क व्यवस्था चरमरा गई है। विशेषज्ञों के अनुसार जलवायु परिवर्तन और असामान्य मानसून पैटर्न इस विनाशकारी स्थिति के बड़े कारण बनकर उभर रहे हैं।

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