सिक्किम के सिक्किम के पुलिस महानिदेशक अक्षय सचदेवा के अनुसार, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने मंगन जिले के लाचुंग में सड़क संपर्क बहाल कर दी है। छतेन में भूस्खलन के कारण लाचेन गांव में अब भी 100 से अधिक पर्यटक फंसे हैं। प्रशासन की ओर से कल यानी मंगलवार तक सबको निकाल लेने का आश्वासन दिया गया है। बाढ़ और बारिश ने पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में तबाही मचा रखी है। असम के 19 जिले बाढ़ की चपेट में हैं जिससे करीब 4 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। ट्रेक पर पानी भर जाने से ट्रेन सेवा बंद है। मेघालय और मिजोरम में भी बाढ़ और भूस्खलन की वजह से भारी तबाही मची है। मेघालय के राष्ट्रीय उच्च मार्ग का एक हिस्सा बाढ़ के पानी में बह गया है। मिजोरम में हाइवे पर पहाड़ का मलबा गिरने से यातायात ठप हो गया है। त्रिपुरा के भी कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। इन तीनों राज्यों में कई पुल बाढ़ की वजह से टूट गए हैं। मेघालय और मिजोरम में बाढ़ से 7-7 लोगों की मौत हुई है जबकि अरुणाचल प्रदेश में 10 लोगों की मौत हुई है।
मेघालय और मिजोरम में भी बारिश और बाढ़ ने भूस्खलन के साथ मिल कर भारी तबाही मचाई है। मेघालय में नेशनल हाइवे का एक हिस्सा बाढ़ के पानी में बह गया है। मिजोरम में भी पहाड़ी का मलबा गिरने से हाइवे पर आवाजाही ठप हो गई है। त्रिपुरा में 1500 से ज्यादा लोगों को राहत सिविरो में रखा गया है। 31 मई से लगातार हो रही बारिश के कारण मणिपुर में इंफाल शहर पानी में डूब गया है। राज्य में इंफाल और नंबुल नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य में एक हजार घरों को नुकसान पहुंचा है। सेना ने एक हजार से ज्यादा लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
अरुणाचल प्रदेश में रविवार को भारतीय वायु सेना ने दिबांग घाटी के बोमजीर नदी में फंसे 14 लोगों को निकाल कर राहत शिविर में पहुंचाया। एक कार के बाढ़ में बह जाने के कारण उसमें सवार सात लोगों की मौत हो गई। राज्य में भूस्खलन से कई सड़कें बंद हैं और गांव मुख्य जमीन से कट गए हैं। सिक्किम में लगातार भारी बारिश और भूस्खलन के कारण तीस्ता नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। पर्यटकों से भरी एक कार के तीस्ता में गिरने जाने से आठ लोगों की मौत हो गई है।
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