आज भारतीय फुटबॉल टीम ने फीफा विश्व कप क्वालिफायर (FIFA WorldCup Qualifier) में कुवैत (Kuwait) के साथ सॉल्ट लेक स्टेडियम ( Salt Lake stadium) में अपना मैच खेला।
भारत के दिग्गज स्ट्राइकर सुनील छेत्री का यह अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच था और टीम उन्हें विदाई के तोहफे में हर हाल में जीत देना चाहती थी। दोनों की फीफा रैंकिंग में बहुत ज्यादा फर्क नहीं था। भारत 121वें और कुवैत 139वें स्थान पर था। भारतीय फुटबॉल टीम ने आज कुवैत के खिलाफ गोलरहित ड्रॉ मैच खेला। दोनों टीमों के बीच कड़ी टक्कर हुई, लेकिन मुकाबले में कोई भी गोल नहीं कर सका। फीफा विश्व कप क्वालीफायर्स में भारत-कुवैत मैच के 90 मिनट के बाद दोनों टीमों को अतिरिक्त 7 मिनट मिले, लेकिन स्थिति जस की तस रही। भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री की नम आंखों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर से विदाई हुई। सुनील छेत्री (Sunil chhetri), जिन्होंने 39 साल की उम्र में भारतीय फुटबॉल ( Indian football) टीम को अलविदा कहा, अपनी ज़िंदगी के पिछ्ले 19 साल उन्होने भारतीय फुटबॉल को दिए।
आज उन्हें अंतिम बार भारतीय फुटबॉल टीम की अगुवाई करने का मौका मिला। सुनील छेत्री ने भारत के लिए 150 मैच खेले हैं. उन्होंने इन मैचों में 94 गोल किए हैं. उन्होंने संन्यास का एलान पिछले महीने ही किया था।
टॉप 5 फुटबॉलर की लिस्ट में हैं सुनील छेत्री
सुनील छेत्री (Sunil chhetri) इंटरनेशनल फुटबॉल मैचों में सबसे अधिक गोल करने वाले टॉप-5 फुटबॉलर्स (Footballer) में शामिल हैं. सबसे अधिक 128 गोल करने का विश्व रिकॉर्ड क्रिस्टियानो रोनाल्डो (Cristiano Ronaldo) के नाम है. ईरान के अली देई (Ali Daei) (108) दूसरे और लियोनेल मेसी (Lionel Messi) (106) तीसरे नंबर पर हैं. इन तीनों के बाद सुनील छेत्री ( Sunil chhetri) हैं. मलेशिया के मुक्तार देहारी (Mokhtar Dahari) (89) पांचवें नंबर पर हैं.
सन्यास को लेकर सुनील छेत्री के बयान
भारतीय सेंटर फॉरवर्ड ने अपने रिटायरमेंट को लेकर हो रही चर्चा को कमतर आंकते हुए कहा कि जीत उनके रिटायरमेंट से ज्यादा महत्वपूर्ण है। दूसरे दौर के मैच की पूर्व संध्या पर छेत्री ने कहा, ‘यह मेरे और मेरे आखिरी मैच के बारे में नहीं है। मैं इस पर बार-बार बात नहीं करना चाहता. हम वास्तव में यह मैच जीतना चाहते हैं। यह आसान नहीं होने वाला है, लेकिन हम तैयार हैं. हमें जबरदस्त समर्थन मिलेगा। अगर हम कल जीतते हैं तो हम लगभग (राउंड 3 के लिए) क्वालिफाई कर लेंगे। घर और बाहर के पांच बेहतरीन मैच, मैं अच्छे सूट पहनूंगा और टीम जहां भी जाएगी मैच देखूंगा। मैं हर दिन लड़कों से बात करता हूं, मैं उन्हें इस सपने के बारे में बताता रहता हूं. लंबा कैंप मददगार होता है, क्योंकि हम अलग-अलग मानसिकता से आते हैं। यह आपको विवरणों पर काम करने के लिए बहुत अधिक समय देता है। यह जीवन बदलने वाला नहीं है, लेकिन यह आपको विवरणों पर काम करने के लिए प्रेरित करता है”।
बता दें कि अपने रिटायरमेंट के बारे में छेत्री ने कहा कि, “मेरा रिटायरमेंट वापस लेने का कोई इरादा नहीं है। नहीं सर, सूट बन चुके हैं और मैं लड़कों को खेलते हुए देखने जा रहा हूं. मैंने इसके बारे में बहुत सोचा है। इन 19 सालों में मेरा सफर शानदार रहा. मैं एक प्रशंसक के रूप में जाऊंगा और टीम जहां भी जाएगी, उसका समर्थन करूंगा”।
संन्यास के बारे में सुनकर मां-पत्नी रोने लगीं
सुनील छेत्री आगे कहते हैं, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इस लेवल पर खेलूंगा. देश के लिए खेलूंगा. अगला मैच मेरा आखिरी मैच भी होगा.’ छेत्री ने बताया, ‘ जैसे ही मैंने खुद से कहा कि हां यह मेरा आखिरी मैच होने वाला है. तभी से मुझे सब कुछ याद आने लगा. यह बहुत अजीब था. मैंने अच्छा-बुरा बुरा जो भी खेला… सबके बारे में सोचना शुरू कर दिया. मैंने मां, पिता और पत्नी को अपने फैसले के बारे में बताया. पिता ने इसे सामान्य तरीके से लिया. वे खुश थे, लेकिन मेरी मां और पत्नी रोने लगीं. वे फूट-फूटकर रोने लगीं.’