नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को दिल्ली विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया है। रविवार को AAP विधायकों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल समेत 22 विधायक शामिल हुए। बैठक के दौरान आतिशी को सर्वसम्मति से विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया।
आतिशी को विपक्ष की भूमिका में क्यों चुना गया?
आतिशी को पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक माना जाता है। उन्होंने दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में कई सुधार किए, जिन्हें देशभर में सराहा गया। उनके नेतृत्व में दिल्ली के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार हुआ और ‘हैप्पीनेस करिकुलम’ जैसे कार्यक्रम लागू किए गए।
हालांकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP को करारी हार का सामना करना पड़ा, और पार्टी सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई। ऐसे में आतिशी के नेतृत्व में AAP अब भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश करेगी।
दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र 24 फरवरी से शुरू
भाजपा सरकार का पहला विधानसभा सत्र 24 फरवरी से शुरू होगा और तीन दिन तक चलेगा। इस सत्र में भाजपा सरकार आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के खिलाफ लंबित CAG (Comptroller and Auditor General) रिपोर्ट्स को सदन में पेश करेगी। भाजपा का दावा है कि इन रिपोर्ट्स में AAP सरकार की वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा किया जाएगा।
भाजपा सरकार के अनुसार, AAP सरकार के कार्यकाल के दौरान विभिन्न योजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिनकी समीक्षा की जाएगी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP को करारा झटका
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा। पिछले दो चुनावों में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली AAP इस बार सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई। वहीं, भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर AAP को सत्ता से बाहर कर दिया।
AAP के दिग्गज नेता भी हारे
इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के कई दिग्गज नेताओं को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया भी चुनाव हार गए।
AAP के हारने के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं, जिनमें:
भाजपा सरकार का अगला कदम
भाजपा ने अपने पहले ही दिन दिल्ली सरकार में आयुष्मान भारत योजना को लागू करने की घोषणा की, जिसे AAP सरकार ने पहले लागू नहीं किया था। इसके अलावा, भाजपा ने कहा है कि AAP सरकार के कार्यकाल की जांच करवाई जाएगी और भ्रष्टाचार से जुड़ी फाइलें खोली जाएंगी।
विपक्ष की नेता के रूप में आतिशी की चुनौती
अब विपक्ष की नेता के रूप में आतिशी के सामने सबसे बड़ी चुनौती भाजपा सरकार को घेरने और अपने कार्यकाल का बचाव करने की होगी। उन्होंने पहले ही आरोप लगाया है कि भाजपा ने चुनाव से पहले महिलाओं को ₹2500 प्रति माह देने का वादा किया था, लेकिन पहले ही दिन इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया।
आने वाले समय में देखना होगा कि आतिशी और AAP भाजपा सरकार को किस तरह चुनौती देते हैं और भाजपा सरकार किन वादों को पूरा कर पाती है।
यह भी पढ़े“अब दिल्ली की चिंता हम करेंगे”: पहले दिन के सवालों पर रेखा गुप्ता ने AAP को लताड़ा