पूर्व पीएम देवेगौड़ा के पोते और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को नौकरानी से रेप मामले में उम्रकैद की सजा

देश के पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते और कर्नाटक के पूर्व सांसद और जनता दल (सेक्युलर) के नेता प्रज्वल रेवन्ना को अपने घर में काम करने वाली नौकरानी के साथ बलात्कार के अपराध में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। विशेष अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद रेवन्ना को उपरोक्त अपराधों में दोषी ठहराया था। ये मामला पिछले साल 28 अप्रैल को दर्ज कराया गया था।

Written By : रामनाथ राजेश | Updated on: August 3, 2025 12:50 am

इस मामला के प्रकाश में आने के बाद पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ तीन और पीड़िताओं ने बलात्कार के तीन और मामले दर्ज कराए। उन तीनों में फैसला आना अभी बाकी है। निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत के  एडिशनल सिटी सिविल एंड सेशन्स जज संतोष गजानन भट ने  आईपीसी की धारा 376(2)(क) (अधिकार का दुरुपयोग करते हुए बलात्कार) एवं 376(2)(n) (एक ही महिला के साथ बार‑बार बलात्कार) एवं अन्य धाराओं के तहत अलग-अलग सजाएं सुनाईं और जुर्माने भी लगाए। अदालत ने कुल 10‑11 लाख रुपये का मुआवजा तय किया है जिसे पीड़िता को दिया जाएगा।

आरोप था कि रेवन्ना ने 2021 में होलेनारसिपुरा (हासन) स्थित पारिवारिक फार्महाउस और बेंगलुरु स्थित आवास में 47 वर्षीया एक घरेलू नौकरानी के साथ दो बार बलात्कार किया, जिसका उन्होंने दोनों बार वीडियो भी रिकॉर्ड  किया था। वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक पार्क में सैकड़ों की संख्या में पेन ड्राइव इधर-उधर बिखरे मिले थे। उसी पेन‑ड्राइव के माध्यम से अश्लील वीडियो सार्वजनिक हुए, जिसकी वास्तविकता की जांच के लिए सीआईडी की एक विशेष जांच टीम गठित हुई। इस बीच रेवन्ना लोकसभा चुनाव का मतदान समाप्त होते ही जर्मनी भाग गए। इसके लिए उन्होंने सांसदों को मिलने वाली विशेष सुविधा का लाभ उठाया।

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के आग्रह पर वे भारत लौटे और   जांच शुरू हुई और रेवन्ना मई में जर्मनी से लौटने पर गिरफ्तार कर लिए गए। सीआईडी की एसआईटी की ओर से 1632 पन्नों की चार्जशीट फाइल की गई, जिसमें 123 सबूतों के साथ 23 गवाहों की गवाही और फॉरेंसिक रिपोर्ट भी शामिल थी। जिन अपराधों के लिए रेवन्ना को सजा सुनाई गई है उनमें पद का दुरुपयोग कर बार-बार बलात्कार करने के अलावा गुप्त तरीके से रिकॉर्डिंग, यौन उत्पीड़न, आपराधिक धमकी, साक्ष्य नष्ट करना और गोपनीयता का उल्लंघन करना शामिल है। इस मामले की सुनवाई दो मई को शुरू हुई थी और हर रोज इसकी सुनवाई की गई। फैसला  सुनाए जाने के बाद प्रज्वल अदालत में ही रो पड़े।

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