पवित्र ‘जोड़े साहिब’ की तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में विधिवत प्रतिष्ठा नौ दिवसीय ‘गुरु चरण यात्रा’ के सफल समापन का प्रतीक है, जिसके अंतर्गत पवित्र जोड़े साहिब को अत्यंत श्रद्धा और सम्मान के साथ दिल्ली से हरियाणा, उत्तर प्रदेश होते हुए पटना लाया गया। पवित्र जोड़े साहिब का बहुत उत्साह के साथ स्वागत किया गया और पंथ के प्रतीक, सेवा एवं समानता के प्रतीक पंज प्यारे की अगुवाई में यह पावन यात्रा सम्पन्न हुई। हज़ारों भक्त इस ऐतिहासिक पल को अपना सम्मान देने और उसमें हिस्सा लेने के लिए यात्रा के मार्ग पर खड़े थे, जिसने आस्था, भावना और आध्यात्मिक एकजुटता को एक साथ ला दिया।
माननीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने इस अवसर को अपने परिवार के लिए अत्यंत भावुक और गर्वपूर्ण बताते हुए कहा कि उनके पूर्वजों को लगभग 300 वर्ष पूर्व गुरु महाराज की पवित्र सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ था तथा यही पावन ‘जोड़े साहिब’ उन्हें सौंपा गया था। बिहार के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान सहित विभिन्न धर्मों के प्रमुख आध्यात्मिक प्रतिनिधियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लेकर आपसी सौहार्द एवं आध्यात्मिक एकता का संदेश दिया।
22 अक्टूबर को दिल्ली में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं तख्त श्री पटना साहिब प्रबंधक कमेटी को इन पवित्र अवशेषों का औपचारिक हस्तांतरण किया गया था। लगभग 1,500 किलोमीटर की इस यात्रा ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी एवं माता साहिब कौर जी के प्रति अडिग श्रद्धा और निकट सम्बंध को पूर्ण भाव से पुन: स्थापित किया।
यात्रा आरंभ होने से पूर्व, 300 वर्ष पुराने पवित्र ‘जोड़े साहिब’ की प्राचीनता की वैज्ञानिक पुष्टि, संरक्षण हेतु मूल्यांकन तथा संपूर्ण संरक्षण प्रक्रिया की ज़िम्मेदारी इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) को सौंपी गई थी। आईजीएनसीए के संरक्षण प्रभाग ने इस महती उत्तरदायित्व को अत्यंत सम्मान, अनुसंधानात्मक दृष्टि और गरिमा के साथ पूर्ण करते हुए यह सुनिश्चित किया कि पवित्र ‘जोड़े साहिब’ का प्रतिष्ठापन पूरी प्रामाणिकता और पवित्रता के साथ संपन्न हो सके। इस अवसर पर आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी तथा संरक्षण प्रभाग के प्रमुख प्रो. अचल पांड्या भी उपस्थित रहे।
अब ये पवित्र ‘जोड़े साहिब’ तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब, जो श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज की पावन जन्मभूमि है, में स्थायी रूप से प्रतिष्ठित कर दिए गए हैं, जहां श्रद्धालु निरंतर दर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे। यह ऐतिहासिक अवसर भक्ति, सेवा और गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज तथा माता साहिब कौर जी की अमिट आध्यात्मिक ज्योति का शाश्वत संदेश देता है।
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