Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने व्यापक अराजकता और तबाही मचा दी है। स्थिति बहुत गंभीर हो गई है, जिसका असर दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों दोनों पर पड़ रहा है। सड़कें घुटनों तक पानी में डूबी हुई हैं, जिससे यात्रा करना जोखिम भरा हो गया है। संकट को देखते हुए, मौसम विभाग ने शहर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इसके अतिरिक्त, भारी बारिश ने अधिकारियों को क्षेत्र में 15 सड़कों को बंद करने के लिए मजबूर किया है।
येलो अलर्ट चेतावनी 28 जुलाई तक प्रभावी रहेगी
यह अलर्ट संभावित जोखिमों या खतरों को दर्शाता है जिनके बारे में लोगों को पता होना चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए। इस दौरान सूचित रहना और अधिकारियों द्वारा दिए गए किसी भी दिशा-निर्देश का पालन करना महत्वपूर्ण है। मौसम विभाग के नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार Himachal Pradesh में येलो अलर्ट घोषित किया गया है। यह अलर्ट 28 जुलाई तक लागू रहेगा, क्योंकि राज्य में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण फसलों, पेड़-पौधों और पुरानी इमारतों को काफी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई है।
भारी बारिश से सड़कें बंद
भारी बारिश के कारण सुरक्षा कारणों से कुल 15 सड़कें बंद कर दी गई हैं। खास तौर पर मंडी में 12, किन्नौर में दो और कांगड़ा जिले में एक सड़क प्रभावित हुई है। प्रतिकूल मौसम की वजह से होने वाली संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इन सड़कों को बंद करना जरूरी है। उम्मीद है कि 28 जुलाई के बाद स्थिति में सुधार हो सकता है। इसके अलावा 12 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने से कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।
बैजनाथ में 85 मिलीमीटर बारिश
बैजनाथ धाम के आसपास के लोग इलाके में भारी बारिश के कारण भयभीत हैं। पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश बैजनाथ में हुई, जहां 85 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। पालमपुर में 25.2 मिमी, जोगिंदरनगर में 18 मिमी, धर्मशाला में 10.4 मिमी, हमीरपुर में 8 मिमी, पांवटा साहिब में 7.6 मिमी, कसौली में 7.4 मिमी और शिमला में 5.6 मिमी बारिश हुई।
बारिश के कारण 49 लोगों की मौत
भारी बारिश के कारण जारी तबाही के कारण राज्य में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। रिपोर्ट बताती है कि बारिश के कारण कुल 49 लोगों की दुखद मौत हो गई है। इसके अलावा, इस तबाही से करीब 389 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान होने का अनुमान है, जिसमें घरों, बुनियादी ढांचे और फसलों को नुकसान पहुंचा है। Himachal Pradesh 27 जून से शुरू हुए मानसून के मौसम के बाद की स्थिति से जूझ रहा है। समुदाय इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए एकजुट हो रहे हैं।
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