अपनी कलात्मक प्रस्तुति से उन्होंने निर्णायकों को भी सकते में डाल दिया। प्रतियोगिता का उद्घाटन मॉरीशस के पूर्व शिक्षामंत्री और यूनेस्को के निदेशक अरमुगम परशुरामन ने किया। अपने उद्घाटन वक्तव्य में श्री परशुरामन ने भारत और मॉरीशस के आत्मीय प्रगाढ़ता की विशेष चर्चा की तथा हिन्दी को विश्व-व्यापी बनाने में अपने सहयोग का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि वे यूनेस्को में १२ वर्षों तक निदेशक रहे और इस अंतर्राष्ट्रीय संगठन का उपयोग हिन्दी के विकास में किया जा सकता है। उन्होंने इसके लिए सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ से एक बड़ी योजना बनाने का आग्रह किया।
आरंभ में सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने श्री परशुरामन के अत्यंत लोक-कल्याणकारी व्यक्तित्व का परिचय दिया तथा सम्मेलन की ओर से अंग-वस्त्रम प्रदान कर अभिनन्दन किया।
प्रतियोगिता में, शिवम् कौंवेंट, डॉन बास्को ऐकेडमी, बाल्डबिन स्कूल, बोरिंग केनाल रोड, महिला महा विद्यालय, विक्रम सहित अनेक विद्यालयों के तीन दर्जन से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता दी ।
इस अवसर पर प्रतियोगिता के निर्णायक-मंडल के सदस्यों, डा मधु वर्मा, किरण सिंह, आराधना प्रसाद, अशोक कुमार, प्रो एस एन आर्या, तथा कृष्ण रंजन सिंह सहित, डा करुणा पीटर, डा मुकेश कुमार ओझा, डा मनोज गोवर्द्धनपुरी, शशि भूषण कुमार, विभारानी श्रीवास्तव एवं विभिन्न विद्यालयों की शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं अभिभावक उपस्थित थे।कल १३ सितम्बर को विद्यार्थियों के लिए ‘कथा-लेखन प्रतियोहिता’ आयोजित होगी।
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