साहित्य सम्मेलन में ‘हिन्दी पखवारा-सह-पुस्तक चौदस मेला’ 1 सितम्बर से, प्रतिदिन होंगे साहित्यिक कार्यक्रम

हिन्दी-दिवस के उपलक्ष्य में बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में आगामी १ सितम्बर से १५ सितम्बर तक 'हिन्दी-पखवारा-सह-पुस्तक चौदस मेला' का आयोजन किया जा रहा है। पखवारा के प्रत्येक दिन सम्मेलन सभागार में विविध साहित्यिक आयोजन संपन्न होंगे। विद्यार्थियों के लिए आयोजित होंगी विविध प्रतियोगिताएँ।

Written By : डेस्क | Updated on: August 26, 2025 11:10 pm

हिन्दी-दिवस के दिन १४ हिन्दी सेवियों को ‘साहित्य सम्मेलन हिन्दी सेवा सम्मान’ से विभूषित किया जाएगा तथा समापन समारोह में विविध प्रतियोगिताओं में सफल विद्यार्थियों को पुरस्कार राशि, प्रशस्ति-पत्र और पदक देकर पुरस्कृत किया जाएगा। १५ दिनों के इस पुस्तक मेले में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास समेत अनेक प्रकाशकों की दीर्घाएँ लगेंगी। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के प्रकाशन-विभाग की ओर से लगायी जाने वाली दीर्घा में सम्मेलन की पुस्तकों के साथ प्रदेश के कवियों लेखकों की पुस्तकें भी आकर्षक छूट के साथ उपलब्ध होंगी।

यह जानकारी देते हुए, सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने बताया है कि, समारोह का उद्घाटन 1 सितम्बर को अपराहन तीन बजे किया जाएगा। इसी समारोह में राष्ट्रभाषा-प्रहरी नृपेंद्रनाथ गुप्त की जयंती, पुस्तक-लोकार्पण एवं लघुकथा-गोष्ठी संपन्न होगी।

, विद्यार्थियों के लिए इनामी प्रतियोगिताएँ और पुस्तक-लोकार्पण भी
डा सुलभ के अनुसार २ सितम्बर को विद्यार्थियों के लिए ‘श्रुतलेख-प्रतियोगिता’, ३ सितम्बर को ‘हिन्दी के साहित्यकार’ विषय पर व्याख्यान-प्रतियोगिता, ४ सितम्बर को डा विष्णु किशोर झा ‘बेचन’ जयंती एवं कवि-सम्मेलन , ५ सितम्बर को ‘हमारे शिक्षक’ विषय पर निबन्ध-लेखन-प्रतियोगिता, ६ सितम्बर को ‘कथा-कार्यशाला’, ७ सितम्बर को काव्य-कार्यशाला, ८ सितम्बर को कवयित्री-सम्मेलन, ९ सितम्बर को भारतेंदु जयंती एवं ‘नाट्य-साहित्य में बिहार का योगदान’ विषय पर संगोष्ठी, १० सितम्बर को राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह जयंती एवं लघु-कथा गोष्ठी, ११ सितम्बर को केदार नाथ मिश्र ‘प्रभात’ जयंती एवं कवि-सम्मेलन, १२ सितम्बर को काव्य-पाठ प्रतियोगिता, १३ सितम्बर को ‘कथा-लेखन-प्रतियोगिता, १४ सितम्बर को, हिन्दी-दिवस-समारोह एवं हिन्दी-सेवी सम्मान’ तथा १५ सितम्बर को समापन सह पुरस्कार वितरण समारोह संपन्न होगा।
डा सुलभ ने प्रबुद्धजनों से आग्रह किया है कि ‘पुस्तक-चौदस-मेला’ में अवश्य पधारें और ‘धन-त्रयोदशी’ की भावना से आएँ । मन में यह भाव लेकर कि इस मेले से जो लोग भी पुस्तकें क्रय करेंगे उनके घर में ‘प्रज्ञा’ की वृद्धि होगी। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार ‘धन-त्रयोदशी’ के दिन भारत के लोग कुछ न कुछ सामग्री अवश्य क्रय करते हैं, यह सोच कर कि इससे घर में ‘श्री’ की वृद्धि होगी।

ये भी पढ़ें :-‘गीता’ को जीने वाले महान चिंतक कवि थे हृदय नारायण : डा अनिल सुलभ

10 thoughts on “साहित्य सम्मेलन में ‘हिन्दी पखवारा-सह-पुस्तक चौदस मेला’ 1 सितम्बर से, प्रतिदिन होंगे साहित्यिक कार्यक्रम

  1. What’s Taking place i’m new to this, I stumbled upon this I’ve found
    It positively useful and it has aided me out loads. I hope to give a contribution & help other users like its helped me.
    Good job.

    Feel free to visit my site Happy MPM

  2. Do you mind if I quote a few of your posts as long as I provide credit and sources back to your website?
    My website is in the very same niche as yours and
    my visitors would genuinely benefit from some of the information you present here.
    Please let me know if this alright with you. Appreciate it!

    Also visit my site … allslot

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *