गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने रामबहादुर राय को सौंपा ‘पद्म भूषण’

देश के प्रख्यात पत्रकार और इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) न्यास के अध्यक्ष राम बहादुर राय को केन्द्रीय गृह मंत्रालय के महानिदेशक सतपाल चौहान ने ‘पद्म भूषण’ पुरस्कार सौंपा, जिसमंआ राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और मुहर से जारी की गई सनद और मेडल शामिल है। गौरतलब है कि राय राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं हुए थे, इसलिए गृह मंत्रालय के महानिदेशक सतपाल चौहान के साथ निदेशक पाण्डेय प्रदीप कुमार एवं अन्य अधिकारियों ने आईजीएनसीए कार्यालय पहुंचकर उन्हें यह सम्मान सौंपा।

Written By : डेस्क | Updated on: June 18, 2025 9:29 pm

रामबहादुर राय को ‘पद्म भूषण’ सौंपने के अवसर पर गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अतिरिक्त, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, आईजीएनसीए के कला निधि विभाग के प्रमुख व डीन (प्रशासन), प्रो. रमेश चंद्र गौड़, मीडिया नियंत्रक अनुराग पुनेठा, एसजीटी विश्वविद्यालय के प्रबंध न्यासी मनमोहन सिंह चावला चौथी दुनिया के संपादक व पूर्व सांसद संतोष भारतीय, प्रख्यात पत्रकार व संपादक हेमंत शर्मा, उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री विजय मिश्र, प्रज्ञा संस्थान के राकेश सिंह और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अनिल राय सहित अनेक बुद्धिजीवी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

इस अवसर पर अनुराग पुनेठा ने राम बहादुर राय के सम्मान में भारत सरकार की ओर से तैयार किया हया प्रशस्ति पत्र पढ़ा। इसके बाद, नजीब जंग ने शुभकामना देते हुए कहा कि राय साहब हम सबके प्रेरणास्रोत हैं। वे दीर्घजीवी हों और उन्हें जीवन में इससे भी बड़ी उपलब्धियां प्राप्त हों। संतोष भारतीय ने कहा कि रायसाहब के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक पुस्तक आनी चाहिए, इससे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलेगी। वहीं, हेमंत शर्मा ने कहा कि राय साहब को यह सम्मान मिलने से सम्मान स्वयं सम्मानित हुआ है। वे आपातकाल के योद्धा रहे हैं और उन्होंने आपातकाल के खिलाफ चली लड़ाई को परिणति तक पहुंचाया। आईजीएनसीए की ओर से आभार प्रकट करते हुए प्रो. रमेश चंद्र गौड़ ने कहा कि रामबहादुर राय ने आईजीएनसीए का मार्गदर्शन संस्था के प्रमुख के रूप में नहीं किया है, बल्कि परिवार के मुखिया के रूप में किया है।

पद्म भूषण’ रामबहादुर राय के बारे में

रामबहादुर राय वर्तमान में इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र न्यास के अध्यक्ष एवं श्री गुरुगोविंद सिंह त्रिशताब्दी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम के कुलाधिपति हैं। साथ ही, कई अन्य संस्थाओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं। रामबहादुर जी ने भारत के पुनर्निर्माण में बौद्धिक योगदान के लक्ष्य से पत्रकारिता की राह चुनी। इस क्षेत्र में उन्हें 40 साल से भी अधिक का अनुभव है। पत्रकारिता में आने से पहले अध्ययन के अलावा 15 साल तक वह छात्र राजनीति और आंदोलनों में सक्रिय रहे। रामबहादुर जी ने बहुभाषी न्यूज़ एजेंसी ‘हिंदुस्तान समाचार’ में संवाददाता के रूप में पत्रकारिता की विधिवत् शुरुआत की। अपने पत्रकारीय जीवन के लंबे समय तक उन्होंने ‘जनसत्ता’ और ‘नवभारत टाइम्स’ दैनिक समाचार पत्रों के अलावा ‘प्रथम प्रवक्ता’ और ‘यथावत’ हिंदी पाक्षिक के संपादन का दायित्व संभाला।

उन्होंने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ और उसके प्रकाशनों के समूह संपादक का दायित्व भी संभाला। उन्होंने ‘यथावत’ हिंदी पाक्षिक में ‘कहत कबीर‘ स्तंभ काफी समय तक लिखा। इससे पहले वे ‘अनायास’ और ‘जनसत्ता’ अख़बार में ‘पड़ताल’ कॉलम नियमित रूप से लिखते रहे। उन्होंने ‘राष्ट्रीय सहारा’ के हस्तक्षेप, ‘अमर उजाला’, ‘प्रभात खबर’, ‘राजस्थान पत्रिका’ और ‘बीबीसी’ के लिए भी लेखन कार्य किया।
रामबहादुर राय ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एम.ए. (अर्थशास्त्र) की पढ़ाई की। वह जेपी आंदोलन के दौरान काफी सक्रिय रहे और मीसा (Maintenance of Internal Security Act) के तहत जेल गए। आपातकाल के दौरान भी उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। वह प्रभाष परम्परा न्यास के प्रबंध न्यासी हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद् में राष्ट्रपति की ओर से उन्हें सदस्य मनोनीत किया गया। वह सर्वश्रेष्ठ सांसद चयन समिति तथा गांधी–समाधि समिति, राजघाट (दिल्ली) के सदस्य हैं। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा, मध्यप्रदेश के कला संकाय द्वारा उन्हें डी.लिट्. की मानद उपाधि प्रदान की गई।

पुस्तकें
पद्म भूषण रामबहादुर राय जी द्वारा लिखी और सम्पादित की गई कुछ महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का विवरण इस प्रकार है :-

पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की जीवनी ‘मंजिल से ज्यादा सफर’
पूर्व प्रधानमंत्री चंदशेखर के जरिये भारतीय राजनीति के 30 साल का आकलन करती पुस्तक ‘रहबरी के सवाल’
आचार्य जे. बी. कृपलानी की जीवनी ‘शाश्वत विद्रोही राजनेता’
पेड न्यूज़ पर ‘काली खबरों की कहानी’ पुस्तक का संपादन
‘जनसत्ता’ के संस्थापक संपादक प्रभाष जोशी की जीवनी ‘लोक का प्रभाष’ के संपादन में सहयोग
‘हमारे बाला साहब देवरस’ पुस्तक का संपादन
‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय समग्र’ के पहले खंड में ‘वह कल’ और आखिरी खंड में ‘अवसान’ का लेखन।
‘भानुप्रताप शुक्ल – व्यक्तित्व और विचार’ का संपादन
लोकनायक जय प्रकाश नारायण की संक्षिप्त जीवनी
भारतीय संविधान- अनकही कहानियां
विशेष लेख- ‘राष्ट्र की लोकाभिव्यक्ति में – संविधान पर औपनिवेशिक छाया’

सम्मान
पत्रकारिता में उल्लेखनीय और सक्रिय भूमिका के लिए रामबहादुर जी को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है :
भगवान दास जनजागरण पत्रकारिता पुरस्कार – 1990
हिंदी अकादमी, दिल्ली, पत्रकारिता पुरस्कार – 1994-95
एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान सम्मान – 2009
माधवराव सप्रे संग्रहालय स्मृति समाचार एवं शोध संस्थान द्वारा सामाजिक सरोकारों की पत्रकारिता के लिए पुरस्कार- 2010
विकल्प संस्था का पत्रकारिता सम्मान – 2010
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान – 2013
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पंडित माधव राव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मक सम्मान – 2014
राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री सम्मान – 2015
हिंदी रत्न सम्मान – 2019

ये भी पढ़ें :-जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बोले- बेगुनाह को छेड़ो मत, गुनाहगार को छोड़ो मत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *