पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशती पर डॉ. सच्चिदानंद जोशी को सम्मान

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशती पर डॉ. सच्चिदानंद जोशी को संस्कृति और शिक्षा में योगदान के लिए ‘आर्ट ऑफ इम्प्लिमेन्टेशन’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

Written By : Md Tanzeem Eqbal | Updated on: December 24, 2024 9:53 pm

गुरुग्राम: पूर्व प्रधानमंत्री एवं ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित एक भव्य समारोह में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी को संस्कृति एवं शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए ‘आर्ट ऑफ इम्प्लिमेन्टेशन’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी और एसजीटी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम द्वारा आयोजित ‘गुड गवर्नेंस थ्रू इफेक्टिव इम्प्लिमेन्टेशन’ (प्रभावी कार्यान्वयन के माध्यम से सुशासन) कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदान किया गया।

इस कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत को याद किया गया, जिनके प्रभावी शासन के दृष्टिकोण ने पूरे देश में नीतिगत सुधारों और सांस्कृतिक प्रगति को प्रेरित किया। इस अवसर पर हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, त्रिपुरा के माननीय मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा और छत्तीसगढ़ के माननीय वित्त मंत्री श्री ओम प्रकाश चौधरी सहित कई प्रतिष्ठित नेताओं की गरिमामय उपस्थिति रही, जिन्होंने श्री वाजपेयी के दूरदर्शी आदर्शों से प्रेरित होकर शासन पर अपने दृष्टिकोण साझा किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के उपाध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने की।

डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी और एसजीटी यूनिवर्सिटी को धन्यवाद देते हुए कहा, “दरअसल यह अवॉर्ड मेरा अकेले का नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र ने जो काम किया है, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने जो काम किया है, यह अवार्ड इन सबका है। मैं पूरी विनम्रता के साथ उन सबकी तरफ से यह अवॉर्ड ग्रहण कर रहा हूं।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के बारे में कहा, “जितना कुछ मुझे उनको देखने और जितना कुछ उनके सानिध्य में समय गुजारने का अवसर मिला, उसमें मैंने एक बात ही जानी है। और, वह बात यह है कि जो व्यक्ति पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लिए चिंतित रहता है और देश को विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए चिंतित रहता है, वही व्यक्ति हमारे देश की विरासत को संजोकर रखने के लिए भी चिंतित रहता है। इसलिए जहां पर वह बड़े बड़े कारखाने, बड़े-बड़े पुल, बड़े-बड़े रास्ते और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करते हैं, वहीं वह हमारी संस्कृति, हमारी परम्परा और हमारी विरासत के लिए भी उतने ही चिंतित रहते हैं।”

सम्मेलन में एम्स, दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास को भी उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। उन्हें स्वास्थ्य सेवा प्रशासन में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए ‘आर्ट ऑफ इम्प्लिमेन्टेशन’ पुरस्कार से नवाजा गया। दोनों पुरस्कार विजेताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में ‘प्रभावी कार्यान्वयन के माध्यम से सुशासन’ की परिकल्पना को साकार किया है, जो श्री वाजपेयी के प्रगति और नवाचार के दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करता है।

 

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