प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ये भीषण हादसा मंगलवार को दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे हुआ। बस के पिछले हिस्से से धुआं निकलना शुरू हुआ और देखते ही देखते आग ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया। कई यात्री बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन करीब बीस लोग बाहर नहीं निकल पाए और बस के अंदर ही जलकर मौत के शिकार हो गए। आग लगने का कारण शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया गया। घायलों को जोधपुर और जैसलमेर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मृतकों की पहचान में कठिनाई के कारण डीएनए जांच कराए जाने की संभावना जताई जा रही है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना पर गहरा शोक जताया है और जांच के आदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
घटना ने पूरे राजस्थान को झकझोर दिया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, बस में महिलाएं और बच्चे भी सवार थे। कुछ चश्मदीदों ने बताया कि आग इतनी तेज थी कि यात्रियों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला।
इस हादसे की जांच पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीम कर रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, बस का मेंटेनेंस मानक के अनुरूप नहीं था। हादसे के बाद जोधपुर-जैसलमेर हाईवे पर लंबे समय तक जाम लगा रहा। यह हादसा राजस्थान की हाल के वर्षों की सबसे भयावह सड़क दुर्घटनाओं में से एक मानी जा रही है।
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