‘आई लव मुहम्मद’ विवाद: बरेली में प्रदर्शन और पथराव, कई शहरों में फैली अशांति

उत्तर प्रदेश में 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर विवाद ने शुक्रवार को बरेली, उन्नाव और अन्य शहरों में तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी। यह विवाद 4 सितंबर को कानपुर में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी जुलूस के दौरान 'आई लव मुहम्मद' लाइट बोर्ड लगाने और सड़क पर कथित रूप से कब्जा कर टेंट लगाने के विवाद से शुरू हुआ, जिसके बाद पुलिस ने 25 युवकों पर प्राथमिकी दर्ज की। इस कार्रवाई के विरोध में मुस्लिम समुदाय ने देशभर में प्रदर्शन किए, जो शुक्रवार को बरेली में हिंसक हो गए।

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुई माहौल बिगाड़ने की कोशिश
Written By : रामनाथ राजेश | Updated on: September 26, 2025 11:40 pm

बरेली में जमात-ए-रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के नेतृत्व में हजारों लोगों ने ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टरों के साथ मार्च निकाला। प्रशासन से अनुमति न मिलने के बावजूद कोतवाली क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया और पथराव शुरू कर दिया। खबरों के अनुसार, पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया, जिसके बाद बाजार बंद रहे और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि कुछ उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है। आईजी अजय साहनी ने कहा कि 90-95 फीसद लोग शांतिपूर्वक नमाज अदा कर लौट गए, लेकिन कुछ तत्वों ने अशांति फैलाई।

उन्नाव में भी ‘आई लव मुहम्मद’ जुलूस के दौरान ‘सर तन से जुदा’ जैसे नारे लगे और पुलिस पर पथराव हुआ। पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया। कैसरगंज में 350 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया। यह विवाद उत्तराखंड के काशीपुर, गुजरात के गोधरा, महाराष्ट्र के नागपुर और मुंबई तक फैल चुका है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ स्थानों पर वाहनों में तोड़फोड़ और पुलिस पर हमले की घटनाएं भी हुईं।

दरगाह आला हजरत, बरेली ने FIR को धार्मिक भावनाओं का अपमान बताया, जबकि यूपी के मंत्री अनिल राजभर ने इसे विकास विरोधी मानसिकता करार दिया। सोशल मीडिया पर वायरल रीलों और AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी के बयानों ने विवाद को और हवा दी। पुलिस और प्रशासन ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

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