नई दिल्ली: पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए भारत सरकार ने पड़ोसी देश से सभी प्रकार के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उत्पन्न तनावपूर्ण हालात के बीच लिया गया है। सरकार ने कहा है कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लिया गया है।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया:
“पाकिस्तान से सीधे या परोक्ष रूप से किसी भी प्रकार के सामान का आयात या पारगमन, चाहे वह आयात की अनुमति प्राप्त हो या न हो, तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित रहेगा। इस प्रतिबंध में कोई भी अपवाद केवल भारत सरकार की पूर्व स्वीकृति के बाद ही मान्य होगा।”
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार के लिए एकमात्र ज़मीनी मार्ग वाघा-अटारी बॉर्डर पहले ही बंद कर दिया गया था। अब इस नए आदेश से सभी उत्पादों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लग गई है।
पाकिस्तान से आयात का घटता दायरा
पाकिस्तान से भारत को मुख्य रूप से दवाइयां, फल और तिलहन उत्पादों का आयात होता था। हालांकि, 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से आयातित उत्पादों पर 200% शुल्क लगा दिया था, जिससे व्यापार में भारी गिरावट आई थी। 2024-25 में पाकिस्तान से भारत का आयात कुल आयात का मात्र 0.0001% रह गया था।
पाहलगाम हमला और उसके बाद के सख्त कदम
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के बाईसारन इलाके में हुए आतंकी हमले में कम से कम 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें एक नेपाली पर्यटक और एक स्थानीय टट्टू संचालक भी शामिल थे। इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए हैं।
भारत सरकार ने इंडस जल संधि को निलंबित कर दिया है, जो 1960 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित जल बंटवारा समझौता है। इसके अंतर्गत भारत अब पाकिस्तान की ओर बहने वाली नदियों के जल को रोक सकता है, जिससे वहां की जल आपूर्ति पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान के सभी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं, जिनमें चिकित्सा वीजा भी शामिल हैं। जो पाकिस्तानी नागरिक भारत में रह रहे हैं, उन्हें देश छोड़ने के लिए समयसीमा दी गई है। पाकिस्तान ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सभी द्विपक्षीय समझौतों को समाप्त करने की चेतावनी दी है, जिनमें शिमला समझौता भी शामिल है।
सीमा पर तनाव और कूटनीतिक संबंधों में गिरावट
वर्तमान में नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय चौकियों पर बार-बार गोलीबारी कर उकसावे की कार्रवाई की जा रही है। दोनों देशों ने अपने-अपने राजनयिक संबंधों को भी नीचा दर्जा दे दिया है।
भारत का सख्त रुख
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही स्पष्ट किया था कि जब तक जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का पूरी तरह से सफाया नहीं होता, तब तक पाकिस्तान से किसी प्रकार की व्यापार वार्ता नहीं होगी। भारत ने लगातार पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने और आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह देने का आरोप लगाया है।
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