चिनाब नदी पर बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल
भारतीय रेल ने जम्मू- कश्मीर में चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल बनाया है. चिनाब नदी पर बना यह रेल पुल फ्रांस की एफिल टावर से लगभग 35 मीटर ऊंचा है. इस पुल की कुल लंबाई 1315 मीटर, आर्च की लंबाई 467 मीटर और नदी तल से ऊंचाई 359 मीटर है.
चिनाब पुल पर 40 KM की स्पीड से चली ट्रेन

नवनिर्मित चिनाब पुल के व्यापक निरीक्षण के बाद भारतीय रेलवे ने गुरुवार को रामबन जिले के संगलदान और रियासी के बीच इलेक्ट्रिफाइड लाइन सेक्शन पर 46 किलोमीटर की दूरी 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से MEMU ट्रेन सफलतापूर्वक चली. चिनाब पुल पर ट्रेन का परीक्षण दोपहर 12:35 बजे संगलदान से शुरू हुआ और दोपहर 2:05 बजे रियासी पर खत्म हुआ.मेमू (MEMU) ट्रेन ने रास्ते में 40.787 किलोमीटर की संयुक्त लंबाई वाली 9 सुरंगों को पार किया. इसमें 11.13 किलोमीटर की सबसे लंबी सुरंग T-44 भी शामिल रही थी. पहली बार पूरी ट्रेन दुग्गा और बक्कल स्टेशनों के बीच चिनाब पुल को पार कर गई. जो दुनिया का सबसे ऊंचा आर्च रेलवे पुल है. रियासी, बक्कल, दुग्गा और सवालाकोट स्टेशन जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में आते हैं. इस रेल खंड पर रेलवे विद्युतीकरण का काम अत्याधुनिक तकनीक ROCS (रिजिड ओवरहेड कंडक्टर सिस्टम) के साथ 25 केवी पर किया गया है, जो भारतीय रेलवे पर पहली बार हुआ है.
भारतीय रेलवे ने असंभव को संभव कर दिखाया
भारतीय रेलवे ने जम्मू-कश्मीर में बड़ी कामयाबी हासिल की है. उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना (USBRL) के तहत उधमपुर से बारामूला तक 272 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का निर्माण किया है. यह रेल लाइन कश्मीर घाटी को भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ती है. USBRL रेल परियोजना आजादी के बाद भारतीय रेलवे की ओर से किए गए सबसे चुनौतीपूर्ण कार्यों में से एक रही है. जम्मू कश्मीर में USBRL परियोजना के महत्व को देखते हुए इसे 2002 में ‘राष्ट्रीय परियोजना’ घोषित किया गया था.
USBRL परियोजना में 38 सुरंगें
USBRL रेल परियोजना में कुल 38 सुरंग बनाई गई हैं जिसकी कुल लंबाई 119 किलोमीटर है.सबसे लंबी सुरंग (T-49) की लंबाई 12.75 किलोमीटर है. यह देश की सबसे लंबी रेल परिवहन सुरंग है. वहीं इस परियोजना को पूरा करने के लिए 927 पुल बनाए गए हैं, जिसकी कुल लंबाई 13 किलोमीटर.इन पुलों में पुलों में चिनाब पुल भी है, जिसकी कुल लंबाई 1315 मीटर, आर्च की लंबाई 467 मीटर और नदी तल से ऊंचाई 359 मीटर है. यह एफिल टावर से लगभग 35 मीटर ऊंचा है. इसे दुनिया का सबसे ऊंचा आर्च रेलवे पुल माना जाता है.
पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
48.1 किलोमीटर लंबे बनिहाल-संगलदान सेक्शन सहित USBRL परियोजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 फरवरी, 2024 को किया था. परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन अक्टूबर 2009 में हुआ था.,जिसमें 118 किलोमीटर लंबा काजीगुंड-बारामूला खंड भी शामिल था. बाद के चरणों में जून 2013 में 18 किलोमीटर लंबे बनिहाल-काजीगुंड खंड और जुलाई 2014 में 25 किलोमीटर लंबे उधमपुर-कटरा खंड का उद्घाटन हुआ था. फरवरी 2024 में उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के बनिहाल-कटरा खंड पर बनिहाल- खारी से संगलदान खंड तक पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन का परीक्षण रामबन में बनिहाल और संगलदान रेलवे स्टेशनों के बीच किया गया था. यह खंड लगभग 40 किलोमीटर का है.
देखने में अद्भुत है चिनाब नदी पर बना रेल पुल
चिनाब नदी पर बना दुनिया का सबसे ऊंचा पुल देखने में अद्भुत है. भारतीय रेल के इंजीनिरों ने चिनाब नदी पर पुल बना कर असंभव को संभव कर दिखाया है इसके साथ ही इंजीनियरिंग का शानदार और बेतहरीन उदाहरण पेश किया है.