नई दिल्ली: अमेरिका से 100 से ज्यादा भारतीय नागरिकों की जबरन वापसी पर विपक्ष और केंद्र सरकार के बीच जबरदस्त सियासी घमासान छिड़ गया है। विपक्ष ने सरकार से सवाल किया है कि आखिर भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए भारत ने अपने विमान क्यों नहीं भेजे? रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका से निर्वासित किए गए इन भारतीय नागरिकों को अमृतसर लाए जाने से पहले एक अमेरिकी सैन्य विमान में जंजीरों और हथकड़ियों में जकड़कर रखा गया था।
सरकार ने अपने बचाव में अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का हवाला दिया है, लेकिन विपक्ष ने इसे भारतीय नागरिकों के प्रति लापरवाही करार दिया है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि जब भारत अपने नागरिकों को संकट के समय दूसरे देशों से सुरक्षित निकाल सकता है, तो इस मामले में अलग रुख क्यों अपनाया गया?
‘विश्वगुरु’ बनने की बात, लेकिन नागरिकों की बेइज्जती?
तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने संसद में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भारत सरकार पहले भी संकट में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए विशेष विमानों का इंतजाम कर चुकी है।
साकेत गोखले ने संसद में कहा, “हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और ‘विश्वगुरु’ बनने की बात कर रहे हैं। लेकिन हमारे ही नागरिकों को जंजीरों में बांधकर लाया जा रहा है। जब कोलंबिया जैसे छोटे देश अपने नागरिकों को सम्मान के साथ वापस ला सकते हैं, तो भारत ऐसा क्यों नहीं कर सकता?”
विपक्ष के सवाल:
‘अवैध प्रवासन को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता’ – विदेश मंत्री जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि “हर देश की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने अवैध प्रवासियों को वापस ले।” उन्होंने बताया कि अमेरिका द्वारा किए गए ये निर्वासन वहां की इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) एजेंसी की स्टैंडर्ड प्रक्रिया के तहत हुए हैं, जो 2012 से लागू है।
जयशंकर ने कहा, “ICE की प्रक्रिया के अनुसार, निर्वासित लोगों को restraints (हथकड़ी और अन्य सुरक्षा उपाय) में रखा जाता है, लेकिन हमें बताया गया है कि महिलाओं और बच्चों के साथ ऐसा नहीं किया गया।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार अमेरिकी अधिकारियों के साथ संपर्क में है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्वासित नागरिकों के साथ किसी प्रकार की बदसलूकी न हो।
सरकार ला सकती है नया कानून
इस पूरे विवाद के बीच केंद्र सरकार ‘ओवरसीज मोबिलिटी (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2024’ लाने की योजना बना रही है। यह कानून भारतीय नागरिकों के सुरक्षित और व्यवस्थित प्रवासन को सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत नीति तैयार करेगा, ताकि भविष्य में इस तरह की निर्वासन प्रक्रिया को बेहतर तरीके से संभाला जा सके।
अमेरिकी दूतावास ने इस मामले पर कहा है कि वह इमिग्रेशन नियमों को सख्ती से लागू कर रहा है और यह संदेश देना चाहता है कि “अवैध प्रवासन एक जोखिम भरा कदम है।”
अब देखने वाली बात होगी कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या यह नया कानून भविष्य में भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएगा।
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