भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में गिरावट आई है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 के अनुसार, भारत की रैंकिंग पांच स्थान गिरकर 85वें स्थान पर पहुंच गई है। इससे पहले 2024 में भारत 80वें स्थान पर था वहीं 2014 में भारत की रैंकिंग 76 थी, लेकिन अब यह गिरकर 85वें स्थान पर आ गई है।
क्या है हेनले पासपोर्ट इंडेक्स?
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स दुनिया के 199 पासपोर्टों की रैंकिंग करता है, जो यह बताता है कि किस पासपोर्ट के जरिए कितने देशों में वीजा-मुक्त यात्रा की जा सकती है। यह इंडेक्स इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के विशेष टिमैटिक डेटा पर आधारित होता है।
भारत का स्थान और वीजा-मुक्त देशों की संख्या
भारत की नई रैंकिंग के अनुसार, भारतीय पासपोर्ट धारक अब 57 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं। भारत इस रैंकिंग में इक्वेटोरियल गिनी और नाइजर के साथ स्थान साझा कर रहा है।
कौन है शीर्ष स्थान पर?
सिंगापुर ने 2025 में भी दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट का खिताब बरकरार रखा है। सिंगापुर के पासपोर्ट धारक 195 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं।
सिंगापुर के बाद जापान (193 देश), फिनलैंड (192 देश), फ्रांस (192 देश), जर्मनी (192 देश), इटली (192 देश), दक्षिण कोरिया (192 देश), स्पेन (192 देश), ऑस्ट्रिया (191 देश) और डेनमार्क (191 देश) इस सूची में शीर्ष 10 में शामिल हैं।
शीर्ष 10 देशों की सूची
| क्रमांक | देश | वीजा-मुक्त देशों की संख्या |
| 1 | सिंगापुर | 195 |
| 2 | जापान | 193 |
| 3 | फिनलैंड | 192 |
| 4 | फ्रांस | 192 |
| 5 | जर्मनी | 192 |
| 6 | इटली | 192 |
| 7 | दक्षिण कोरिया | 192 |
| 8 | स्पेन | 192 |
| 9 | ऑस्ट्रिया | 191 |
| 10 | डेनमार्क | 191 |
अमेरिका और यूएई का प्रदर्शन
यूएई पिछले दशक में सबसे बड़ी छलांग लगाने वाले देशों में से एक रहा है। उसने 72 अतिरिक्त देशों तक वीजा-मुक्त पहुंच हासिल की है और 10वें स्थान पर आ गया है।
दूसरी ओर, अमेरिका की रैंकिंग में भारी गिरावट आई है। 2015 में दूसरे स्थान पर रहने वाला अमेरिका अब नौवें स्थान पर खिसक गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की राजनीतिक नीतियां और अलगाववादी दृष्टिकोण इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण हैं।
सबसे निचले स्थान पर कौन?
2025 में हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में पाकिस्तान और यमन 103वें स्थान पर हैं। इनके पास केवल 33 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा है। इनके बाद इराक (31 देश), सीरिया (27 देश) और अफगानिस्तान (26 देश) इस सूची में सबसे नीचे हैं।
भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले, कूटनीतिक संबंधों में बदलाव और वीजा नीति में सख्ती की वजह से भारत की अंतरराष्ट्रीय पहुंच में कमी आई है। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा और इमिग्रेशन संबंधित चिंताओं ने भी वीजा नियमों को और कड़ा किया है।
भारत सरकार ने कई देशों के साथ यात्रा समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन इसके बावजूद रैंकिंग में गिरावट चिंताजनक है। आने वाले वर्षों में भारत को अपनी कूटनीतिक नीतियों को मजबूत करने और विदेशी संबंधों को और बेहतर बनाने के प्रयास करने होंगे।
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