Indo-British Relation : कीर स्‍टार्मर भारत से और मजबूत संबंध के पक्ष में

उम्‍मीद की जाती है कि कीर स्‍टार्मर ( Keir Starmer) के नेतृत्‍व में भारत-ब्रिटेन संबंध ( Indo-British Relation) और प्रगाढ़ होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने सत्‍ता संभालने के बाद ब्रिटेन के नवनिर्वा‍चित प्रधान मंत्री कीर स्‍टार्मर ( Keir Starmer) को बधाई दी और दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन मुक्‍त व्‍यापार समझौता वार्ता ( India-UK Free Trade Agreement) शीघ्र पूरी करने के पर रजामंदी व्‍यक्‍त की। यह समझौता दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा।

ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर
Written By : रामधनी द्विवेदी | Updated on: July 6, 2024 6:40 pm

स्‍टार्मर को भारत आने का निमंत्रण

अपनी बातचीत की जानकारी देते हुए मोदी ने एक्‍स पर बताया कि दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों की प्रगाढ़ता का संदर्भ देते हुए दोनों देशों के बीच व्‍यापक सामरिक सहयोग को और प्रगाढ़ करने की आवश्‍यकता पर बल दिया। यूके के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास में भारतीय समुदाय ( Indian Community) के योगदान की चर्चा करते हुए दोनों देशों ने आपस में व्‍यक्ति से व्‍यक्ति स्‍तर पर संबंधों को और मजबूत करने की आवश्‍यकता बताई। प्रधानमंत्री मोदी ने स्‍टार्मर को भारत यात्रा का निमंत्रण भी दिया।

नये प्रधानमंत्री भी भारतीय समुदाय के निकट

कीर स्‍टार्मर के सत्‍ता में आने के साथ ही भारत के साथ ब्रिटेन के संबंधों ( Indo-British Relation)  पर भी चर्चा होनी स्‍वाभाविक है। ऋषि सुनक का भारत से संबंध था जरूर लेकिन उनके राज में भारत-ब्रिटेन संबंध ( Indo-British Relation)  में बहुत घनिष्‍ठता नहीं आई। वह भारतीयों मूल के लोगों के अधिक निकट जरूर थे लेकिन इस चुनाव में कीर स्‍टार्मर ने भी इसी सूत्र का सहारा लिया और उन्‍हें मात दे दी। वह भारतीयों के कार्यक्रमों में शामिल होते थे और होली दिवाली पर शुभकामनाएं भी देते थे।

कश्‍मीर पर पुरानी नीति छोड़ी

लेबर पार्टी ( Labour Party) के उनके पूर्व लेबर नेता जेरेमी कार्बिन भारत विरोधी विचारों के लिए जाने जाते थे, खासतौर से कश्‍मीर विवाद पर उनके विचार भारत को असहज करते थे। कीर स्‍टार्मर ने अपनी पार्टी की गलतियों को माना और कश्मीर पर अपनी नीति में बदलाव किया तथा ब्रिटेन में बसे भारतीयों से अपने संबंध सुधारने की दिशा में ये कदम उठाये। अब उम्‍मीद की जानी चाहिए कि उनके नेतृत्‍व में दोनों देशों के बीच संबंध और बेहतर होंगे। कीर ने धारा 370 हटाने को भारत का घरेलू मामला बता कर अपनी नीति में बदलाव का संकेत दिया था।

शरणार्थी समस्‍या का हल तलाशने पर जोर

शनिवार को ब्रिटेन की नई कैबिनेट की पहली बैठक हुई जिसमें देश की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं में प्रतीक्षा सूची को कम करने और अवैध आप्रवासियों की समस्‍या पर विचार किया गया। ब्रिटेन के सामने सबसे बड़ी समस्‍या शरणार्थियों की है। यूद्ध,सूखा और गरीबी के कारण बड़ी संख्‍या में शरणार्थी आसपास के देशों से यूरोप खासतौर से ब्रिटेन आ रहे हैं। ब्रिटेन अन्‍य देशों की तुलना में इनके प्रति उदार रहा है,लेकिन हाल के दिनों में शरणार्थियों के कारण उसे बड़ी समस्‍याओं का सामना करना पड़ा। सुनक ने इनसे निपटने के लिए कई येाजना बनाई जिनमें उन्‍हें रवांडा भेजने की बात भी थी लेकिन वह कभी अमल मे नहीं आई। स्‍टार्मर ने उस योजना को रद करने और ठोस कदम उठाने की बात कही। इंग्‍लिस चैनल पार कर छोटी नावों से आने वाले इन शरणार्थियों को रोकने के लिए कीर स्‍टार्मर क्‍या कदम उठाते हैं,यह जानने के लिए पूरा ब्रिटेन उत्‍सुक है।

25 में 11 मंत्री महिलाएं

प्रधानमंत्री कीर स्‍टार्मर की 25 सदस्‍यीय कैबिनेट में 11 महिलाएं हैं। इनमें उप प्रधान मंत्री एं‍जिला रेनर और वित्‍त मंत्री रैचल रीव्‍स हैं। रेनर आवास और सामुदायिक विकास विभाग भी देखेंगी। डैविट लैमी विदेश मंत्री और वेट्टे कूपर गृह मंत्री हैं। कीर ने कल ही अपनी कैबिनेट की घोषणा कर दी थी। शनिवार को उसकी पहली बैठक हुई। कैबिनेट के सभी मंत्री सरकारी स्‍कूलों में पढ़े हैं। सिर्फ तीन ने ही निजी स्‍कूलों में शिक्षा पाई है।

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