पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद Vinesh Phogat भारतीय फैन्स को एक तगड़ा झटका लगा. स्टार रेसलर विनेश फोगाट ने सिल्वर मेडल के लिए कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की थी. इसकी सुनवाई पहले ही हो चुकी है, लेकिन फैसला सुनाने की तारीख लगातार टलती जा रही थी. मगर अब इस मामले में बुधवार (14 अगस्त) को फैसला आया है. CAS ने Vinesh Phogat Appeal खारिज कर दी।
यहां बताना जरूरी हो जाता है कि पिछले हफ्ते अपने लगातार तीन बाउट जीतकर विनेश फोगाट को फाइनल में जगह मिली थी। उन्हें महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल से ठीक पहले अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट के खिलाफ खिताबी मुकाबले से बाहर कर दिया गया था क्योंकि सुबह वजन करते समय उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया।
क्या है पूरा मामला?
पिछले मंगलवार को जापान की युई सुसाकी के खिलाफ जीत सहित तीन जीत के साथ महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली विनेश को अंततः स्वर्ण पदक जीतने वाली अमेरिका की हिल्डेब्रांट के खिलाफ मुकाबले से बाहर कर दिया गया था क्योंकि सुबह वजन करते समय उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया था। विनेश ने पिछले बुधवार को खेल पंचाट में इस फैसले के खिलाफ Vinesh Phogat Appeal की और मांग की कि उसे क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमेन लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक दिया जाए। लोपेज सेमीफाइनल में विनेश से हार गई थी, लेकिन बाद में भारतीय पहलवान को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उन्हें फाइनल में जगह मिली। विनेश ने इसके खिलाफ अपील की थी और उनका कहना था कि उन्हें संयुक्त रजत पदक दिया जाना चाहिए
Vinesh Phogat Appeal खारिज करने के फैसले पर पीटी उषा
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष डॉ. पीटी उषा ने विनेश फोगाट के आवेदन को खारिज करने के कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) के फैसले पर हैरानी और निराशा व्यक्त की। एक बयान में पीटी उषा ने कहा, ‘पहलवान विनेश फोगाट की युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के खिलाफ दायर अपील पर खेल पंचाट के एकमात्र पंच के फैसले से स्तब्ध और निराश हूं। पेरिस ओलंपिक खेलों में महिलाओं के 50 किलोग्राम वर्ग में साझा रजत पदक दिए जाने के विनेश के आवेदन को खारिज करने वाले 14 अगस्त के फैसले का प्रभावी हिस्सा विशेष रूप से उनके लिए और बड़े पैमाने पर खेल समुदाय के लिए महत्वपूर्ण अर्थ रखता है।’ इस फैसले के मायने हैं कि पेरिस ओलंपिक में भारत के छह ही पदक होंगे जिसमें एक रजत और पांच कांस्य शामिल हैं।
विनेश की लीगल टीम में कौन-कौन था ?
Vinesh Phogat Appeal की थी कि उन्हें क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमेन लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक दिया जाए। लोपेज सेमीफाइनल में विनेश से हार गई थी, लेकिन बाद में भारतीय पहलवान को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उन्हें फाइनल में जगह मिली। इस कानूनी लड़ाई में फ्रांसीसी वकील जोएल मोनलुइस, एस्टेले इवानोवा, हैबिन एस्टेले किम और चार्ल्स एमसन शामिल थे, जिन्होंने आवेदन दाखिल करने के दौरान उनकी और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की मदद की। उनकी सेवाएं पेरिस बार द्वारा मुहैया कराई गई हैं और वे मामले को निःशुल्क संभाल रहे थे। इसके अलावा वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और विदुषपत सिंघानिया को मामले में उनकी मदद के लिए जोड़ा गया था।
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