Impact Player नियम के तहत पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को सात विशेषज्ञ बल्लेबाजों को मैदान में उतारने और फिर गेंदबाजी पारी में एक बल्लेबाज को बाहर करके विशेषज्ञ छठे गेंदबाज को लाने की सुविधा मिलती है। हालांकि लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को भी फायदा मिलता है और वे एक गेंदबाज को कम करके, एक अतिरिक्त बल्लेबाज को मौका दे देते हैं।
इस तरह दिख रहा है इस नियम का असर
इस नियम का असर भी देखने को मिल रहा है। 54 मैचों के बाद, मौजूदा टूर्नामेंट का औसत रन रेट 9.58 है, जो किसी भी टी20 सीरीज या चार से अधिक मैचों वाली प्रतियोगिता के लिए अब तक का सबसे अधिक है। यह तथ्य कि यह मील का पत्थर इम्पैक्ट प्लेयर नियम के दूसरे संस्करण के साथ मेल खाता है, महज संयोग नहीं है। IPL में 2023 में इस नियम की शुरुआत की गई थी और तब से अब तक 10 में से 9 सर्वोच्च स्कोर के रिकॉर्ड बन चुके हैं।
आठ बार टूट चुका है 250 रन का बेंचमार्क
हालांकि सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) 287 रन के स्कोर के साथ शीर्ष पर है, लेकिन इस सीजन में 250 रन के बेंचमार्क को आठ बार तोड़ा जा चुका है। 262 रन के लक्ष्य को आठ गेंद शेष रहते ही हासिल कर लिया गया और टी20 बल्लेबाजी ने आसमान छू लिया है।
विशेषज्ञों के इर्द-गिर्द तेजी से घूमने लगा है मैच
मैच के किसी भी समय टीमों को एक खिलाड़ी को दूसरे से बदलने की अनुमति देने से, खेल तेजी से विशेषज्ञों के इर्द-गिर्द घूमने लगा है, जिससे उन लोगों की भूमिका सीमित हो गई है जो बल्ले और गेंद दोनों से अलग-अलग स्तर पर मूल्य जोड़ने की क्षमता रखते हैं।
कम हो गई पार्ट-टाइमर्स की भूमिका
इम्पैक्ट प्लेयर नियम की शुरुआत ने दीपक हुड्डा (Deepak Hooda) और रियान पराग (Riyan Parag) जैसे पार्ट-टाइमर्स की भूमिका को भी कम कर दिया है, और इसके बाद एकतरफा ताकतवर खिलाड़ियों की एक फौज खड़ी हो गई है। निस्संदेह, इस प्रावधान ने आशुतोष शर्मा (Ashutosh Sharma) और अभिषेक पोरेल (Abishek Porel) जैसे खिलाड़ियों की क्षमता को बड़े मंच पर उजागर करने में मदद की है, लेकिन क्या भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) भविष्य के हार्दिक और जडेजा के विकास की कीमत पर ऐसा समझौता करने को तैयार है, यह एक बड़ा सवाल है?