इजराइल की बमबारी के निशाने पर मुख्य रूप से ईरान के परमाणु संवर्धन संयंत्र, मिसाइल निर्माण कारखाने, और शीर्ष सैन्य कमांडरों के आवास रहे, जिससे परमाणु रेडिएशन फैलने का खतरा बहुत बढ़ गया है। इजराइल के हमलों के जवाब में ईरान ने इज़राइल पर 100 से अधिक ड्रोन हमले किए लेकिन इजराइल ने सभी को नाकाम कर दिया। ईरान ने हमले को “अवैध आक्रमण” बताते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से हस्तक्षेप की मांग की है। जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल के हमले से पल्ला झाड़ते हुए ईरान से परमाणु समझौते की अपील की है। इजराइल और ईरान का युद्ध की वजह से मध्य पूर्व में तनाव चरम पर पहुंच गया है। ईरान का परमाणु कार्यक्रम जारी रखना और इज़राइल की सैन्य कार्रवाई की वजह से युद्ध के भयावह होने की आशंका बढ़ गई है। ब्रिटेन, सऊदी अरब और जापान ने संयम बरतने की अपील की है। इजराइल की बमबारी के बीच ईरान ने परमाणु हमले की चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इज़राइल ने हमला जारी रखा, तो “नरक के द्वार खोल दिए जाएंगे”।
यहां उल्लेखनीय है कि यदि युद्ध भड़का को भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा। इजराइल भारत का बेहद करीबी दोस्त है और भारत का ईरान से भी रिश्ता अच्छा है। भारत की अर्थव्यवस्था के लिए सस्ता तेल मिलते रहना जरूरी है। कच्चे तेल का उत्पादन प्रभावित होगा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम अचानक बढ़ जाएंगे। उल्लेखनीय है कि भारत ईरान से पेट्रोलियम पदार्थों का आयात करता रहा है। इसके अलावा ईरान से सेब, खजूर, अनानास, एवोकाडो जैसे फल आयात करता रहा है। इजराइल की बात की जाए तो भारत इजराइल से रक्षा उपकरण जैसे रडार, ड्रोन और मिसाइल सिस्टम का आयात करता है। ईरान के करीबी में रूस और चीन जैसे देश हैं जबकि इजराइल को अमेरिका सहित पश्चिमी देशों का समर्थन है।
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