केजीएफ बाबू अपने निजी और भुगतान की गई कर निधि से इस परियोजना का वित्तपोषण करेंगे। अपनी दिवंगत मां के सपने को साकार करने के लिए यह उनकी एक सच्ची श्रद्धांजलि है। इस पहल से गरीब अपने घरों में सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे। बाबू ने कहा, जरूरतमंदों की सेवा ही धन का असली उद्देश्य है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह परियोजना पूरी तरह से मानवीय मूल्यों से प्रेरित है और इसके पीछे कोई राजनीतिक महात्वाकांक्षा नहीं है।
पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वोपरि
अपनी ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध केजीएफ बाबू ने आयकर विभाग को धन के स्रोत और व्यय के विवरण के बारे में औपचारिक रूप से सूचित कर दिया है। उन्होंने सार्वजनिक जवाबदेही के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। पारदर्शिता इस पूरे प्रयास का आधार है।
सरकारी सहयोग की अपील
अपनी योजना को साकार करने के लिए, बाबू ने संबंधित सरकारी विभागों से भूमि आवंटन और पानी व बिजली जैसी बुनियादी ढांचे मुहैया कराने का अनुरोध किया है। परियोजना का लाभ योग्य लाभार्थियों तक पहुंचााने के लिए उनका प्रयास केवल वित्तीय ही नहीं, बल्कि परिचालनात्मक भी है। यदि विभागीय अनुमोदन प्राप्त होता है, तो यह पहल बेंगलूरु के इतिहास में निजी तौर पर आवास दान का सबसे बड़ा उदाहरण होगी। इस प्रयास से हजारों लोगों के जीवन में बदलाव आने के साथ ही, देश भर में सामाजिक रूप से सचेत नेतृत्व को ऐसे ही कार्य करने के लिए प्रेरणा मिलेगी।
ये भी पढ़ें :-दिल्ली में प्राइवेट स्कूल नहीं बढ़ा पाएंगे फीस, सरकार बनाएगी कानून
https://shorturl.fm/0b6LU
https://shorturl.fm/ZIDA1
https://shorturl.fm/AvOOk
https://shorturl.fm/852A2
https://shorturl.fm/v4UHO
https://shorturl.fm/sVJQA
https://shorturl.fm/wqgtl
a601be