सूत्रों का कहना है कि लद्दाख में उग्र प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। इसी दौरान सीआरपीएफ का एक वाहन भी भीड़ की चपेट में आ गया और उसमें आग लगा दी गई। आग की लपटें दूर तक दिखाई देती रहीं और मौके पर अफरातफरी मच गई। कई अन्य वाहनों और दुकानों को भी नुकसान पहुंचा।
हालात बेकाबू होते देख सुरक्षा बलों ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। झड़पों में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं, जिनमें नागरिकों के साथ सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है। कुछ की मौत होने की बात भी कही जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वर्षों से लंबित मांगों की अनदेखी से लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ था, लेकिन देर शाम यह अचानक हिंसक हो गया। रातभर सड़कों पर नारेबाज़ी और पथराव की घटनाएँ जारी रहीं।
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि हालात पर नियंत्रण पाने के लिए पूरे क्षेत्र में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। एहतियातन इंटरनेट सेवाएँ भी अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं ताकि अफवाहों पर रोक लगाई जा सके। प्रशासन का कहना है कि स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है और शांति बहाल करना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सूत्रों के अनुसार, कई लोगों को हिरासत में लिया गया है और मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू की गई है। अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती भी की गई है।
स्थानीय सामाजिक संगठनों ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि देर रात तक तनाव बना रहा और सुबह तक सन्नाटा पसरा रहा। लोग कर्फ्यू के कारण घरों में ही कैद रहे।
अधिकारियों का कहना है कि संवाद की कोशिशें जारी हैं और हालात सामान्य करने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास हो रहे हैं। हालांकि, फिलहाल क्षेत्र में तनाव गहरा है और लोग शांति की उम्मीद लगाए हुए हैं।
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