साहित्य की अत्यंत लोकप्रिय विधा है ललित-निबन्ध : आलोक राज

अच्छे निबन्ध न केवल पाठकों को आकर्षित करते हैं, बल्कि सुधी पाठकों को चिंतन के लिए भी विवश करते हैं। यह साहित्य की अत्यंत लोकप्रिय विधा है। इसमें निबन्धकार का ज्ञान और भाषा-सामर्थ्य भी प्रकट होता है।

'निबन्ध-लेखन प्रतियोगिता' का उद्घाटन करते राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष आलोक राज, साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ व अन्य
Written By : डेस्क | Updated on: September 5, 2025 10:51 pm

यह बातें हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में आयोजित हिन्दी पखवारा एवं ‘पुस्तक-चौदस-मेला’ के पाँचवे दिन, शुक्रवार को, विद्यार्थियों के लिए हुई ‘निबन्ध-लेखन प्रतियोगिता’ का उद्घाटन करते हुए राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष और पूर्व पुलिस महानिदेशक आलोक राज ने कही। उन्होंने शिक्षक दिवस पर सर्वपल्ली डा राधा कृष्णन को भी श्रद्धापूर्वक स्मरण किया तथा शिक्षक के महत्त्व पर प्रकाश डाला।

समारोह के मुख्यअतिथि और बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने कहा कि ये शिक्षक ही हैं, जिनसे भारतीय ज्ञान-परंपरा आज भी जीवित है। उन्होंने निबन्ध-साहित्य की विशेषताओं का भी उल्लेख किया तथा प्रतिभागी छात्राओं को शुभकामनाएँ दी।

उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कहा कि भारत गुरु-परंपरा को मानने वाला राष्ट्र है और यहाँ आदि काल से गुरुओं का सम्मान होता आया है और अनन्त काल तक होता रहेगा। यहाँ गुरु को ईश्वर से भी ऊँचा स्थान है। भारत में माता, पिता और आचार्य नामक तीन संस्थाएँ ही ऐसी हैं, जो अपने शिष्यों और संतति को अपने से आगे जाते हुए देखकर प्रसन्न होती हैं। शेष तो ईर्ष्या करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को सार्थक और पठनीय निबन्ध लिखने के मार्ग भी बताए।

प्रतिभागी विद्यार्थियों ने ‘मेरे प्रिय शिक्षक’ विषय पर अत्यंत सार-गर्भित और सुंदर निबन्ध लिखे। इन्हें लेखन के लिए ४० मिनट का समय दिया गया था। इनमे से प्रथम तीन स्थान अर्जित करने वाले प्रतिभागियों को क्रमशः ११०० , ७०० और ५०० रूपए की पुरस्कार राशि के साथ प्रशस्ति-पत्र और पदक भी प्रदान किए जाएंगे ।

इस अवसर पर, सम्मेलन की उपाध्यक्ष डा मधु वर्मा, डा कल्याणी कुसुम सिंह, कवयित्री आराधना प्रसाद, वरिष्ठ साहित्यकार बच्चा ठाकुर,प्रतियोगिता आयोजन समिति के संयोजक ईं अशोक कुमार, कृष्णरंजन सिंह, डा ओम् प्रकाश पाण्डेय, डा सुषमा कुमारी, प्रियंका प्रिया, ईशा कुमारी तथा प्रतिभागी छात्र उपस्थित थे।

आलोक राज समेत अनेक अतिथियों और पुस्तक-प्रेमियों ने पुस्तक-मेले से पुस्तकों की ख़रीद की। कल संध्या कथा-कार्यशाला आयोजित की जाएगी।

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