केंद्रीय मंत्री जितेंद्र प्रसाद ने संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) के चेयरमैन को Lateral Entry से जुड़ी वैकेंसी रद्द करने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है कि 18 अगस्त को ही यूपीएससी ने केंद्र सरकार के उच्च पदों पर लेटरल एंट्री के माध्यम से नियुक्ति के लिए 45 वैकेंसी निकाली थी। सरकार ने आयोग से नियुक्ति या ये नोटिफिकेशन रद्द करने को कहा है।
Lateral Entry पर चिराग पासवान ने उठाया सवाल
केंद्रीय सचिवालय में लेटरल एंट्री (Lateral Entry) के जरिए 45 विशेषज्ञों की नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान नहीं होने का मसला पूरी तरह से राजनीतिक रंग ले चुका है. इसको लेकर विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. विपक्षी पार्टियां इसे आरक्षण खत्म करने की कोशिश बता रही हैं. और केंद्र सरकार को आरक्षण विरोधी साबित करने में जुटी हैं. अब इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ NDA के भीतर से भी सवाल उठने लगे हैं.
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने लेटरल एंट्री के जरिए सरकारी पदों पर नियुक्तियों के किसी भी कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि वह केंद्र के समक्ष यह मुद्दा उठाएंगे. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से लेटरल एंट्री के माध्यम से 45 विशेषज्ञों की मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव जैसे प्रमुख पदों पर अनुबंध के आधार पर नियुक्ति करने की घोषणा कर दी गई. आमतौर पर ऐसे पदों पर संघ लोकसेवा आयोग से चयनित IAS, IPS या IFS और अन्य ग्रुप ए सेवाओं के अधिकारी ही तैनात होते हैं.
लेटरल एंट्री पर विपक्ष का आरोप
विपक्ष का आरोप है कि Lateral Entry के जरिये लोक सेवकों की भर्ती करने का यह कदम राष्ट्र विरोधी है और इस तरह की कार्रवाई से SC/ST और OBC का आरक्षण खुलेआम छीना जा रहा है. चिराग पासवान ने इस मुद्दे को लेकर कहा कि किसी भी सरकारी नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए. इसमें कोई किंतु-परंतु नहीं है. निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं है और अगर सरकारी पदों पर भी इसे लागू नहीं किया जाता है तो यह मेरे लिए चिंता का विषय है.
चिराग NDA सरकार में अहम सहयोगी
चिराग पासवान केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में सहयोगी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के सदस्य के रूप में उनके पास इस मुद्दे को उठाने का मंच है और वो इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाएंगे. चिराग पासवान ने कहा कि जहां तक उनकी पार्टी का सवाल है, वह इस तरह के कदम के समर्थन में नहीं है.
UPSC ने 45 पदों के लिए दिया है विज्ञापन
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शनिवार को 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया, जिनमें 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक/उप सचिव के पद शामिल हैं. इन पदों को अनुबंध के आधार पर Lateral Entry के जरिए भरा जाना है.
Lateral entry is an attack on Dalits, OBCs and Adivasis.
BJP’s distorted version of Ram Rajya seeks to destroy the Constitution and snatch reservations from Bahujans.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 19, 2024
क्या होती है लेटरल एंट्री ?
लेटरल एंट्री (Lateral Entry) के शाब्दिक अर्थ की बात की जाए तो पार्श्विक प्रविष्टि है। इस संदर्भ से जोड़कर देखें तो निजी क्षेत्र के वैसे लोगों को सरकार के बड़े पदों पर सीधी भर्ती से है जो किसी खास क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। इस तरह सरकार सीधे संयुक्त सचिव, निदेशक या उपसचिव पद पर भर्ती करने का प्रावधान है जिसे कांग्रेस के शासनकाल में शुरू किया गया था।
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