पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में उमड़ी लाखों की भीड़, धक्का-मुक्की में 600 श्रद्धालु घायल

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा  27 जून को शुरू हो गई। ओडिशा के पुरी की रथ यात्रा में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। इसके अलावा देश के विभिन्न शहरों से भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की रथ यात्रा निकलने की खबरें आ रही हैं। दुनिया भर में फैले इस्कॉन के मंदिरों की ओर से उन देशों में भी रथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। पुरी में शुक्रवार को भक्ति और उत्साह के माहौल में देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालु रथ खींचने की होड़ लग गई। इस दौरान हुई घक्का-मुक्की में 600 लोग घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। समय रहते स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया नहीं तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। जगन्नाथ मंदिर परिसर को खास तौर पर सजाया गया था जिसमें तीन हजार किलो ताज़ा फूल इस्तेमाल किए गए।

Written By : रामनाथ राजेश | Updated on: June 27, 2025 11:42 pm

इसके अलावा जिन रास्तों से रथ गुजरना है उन पर जगह-जगह बाँस, जूट और केले के पत्तों से सजावट की गई है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर के सिंहद्वार खोल दिए गए और मंगल आरती की  गई। भगवान को खिचड़ी भोग अर्पित किया गया, फिर दोपहर 2:30 बजे उनके का काम पूरा हुआ। रथ यात्रा की प्रतीकात्मक शुरुआत ओड़िशा के गजपति महाराज की ओर से सोने की झाड़ू से ‘चेरा पान्हारा’ करके की गई। 

 भगवान जगन्नाथ के रथ नंदीघोष, बलभद्र के रथ ताल ध्वज, सुभद्रा के रथ दर्पदलन तीनों रथों को शाम 4 बजे संत पंडों और भक्तों की ओर से विधिवत खींचना शुरू किया गया। इस बीच उत्साह से “जय जगन्नाथ” के जयकारे लगते रहे। यह यात्रा लगभग 2.6 कि.मी. दूर गुंडिचा मंदिर तक ले जाई जाती है। गुंडिचा मंदिर में रहने के बाद बाद वापस लौटकर 8 जुलाई को यह अनुष्ठान पूर्ण होगा। रथ की रस्सियाें को खींचना तो दूर छू लेने भर से यह माना जाता है कि व्यक्ति पापों से मुक्ति पा जाता है और आध्यात्मिक आशीर्वाद प्राप्त होता है

सुबह होने से पहले ही लगभग एक लाख श्रद्धालु पुरी पहुंच चुके थे और शाम होते- होते तक यह संख्या 10 लाख से अधिक पहुंच गई। इस भीड़ को देखते हुए पहले ही सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी। केंद्रीय सशस्त्र बल की 8 कंपनियां और NSG सहित 10 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात थे। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से  लैस 275 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इसके अलावा एकीकृत कमान केन्द्र बनाए गए थे। इसके साथ ही तटरक्षक हेलीकॉप्टर से निगरानी की  जा रही थी। इसके बावजूद जब बलभद्र के रथ को खींचना शुरू हुआ तो ग्रैंड रोड पर एक जगह रथ फंस गया और ज्यादा जोर लगाना पड़ा। इस दौरान असामान्य रूप से भीड़ बहुत अधिक जमा हो गई। इससे धक्का-मुक्की बढ़ी और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई, जिससे कम से कम 600 श्रद्धालु घायल हो गए। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। गंभीर रूप से घायल सभी श्रद्धालुओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

अहमदाबाद में हाथी हुआ बेकाबू

अहमदाबाद की रथ यात्रा में एक एक बड़ी दुर्घटना होने से बची। वास्तव में यहां सुबह निकली रथ यात्रा में 17 हाथी आगे चल रहे थे। सबसे आगे नर हाथी था जो तेज़ डीजे व सीटी की आवाज सुनकर घबरा गया और सबकुछ रोंदते हुए  लगभग 100 मीटर तक भागा। इसके कारण वहां भीड़ के बीच अफरा-तफरी मच गई। वन विभाग ने दो मादा हाथियों की मदद से उसे शांत किया और यात्रा में उसे हटा लिया गया। 

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