माझी के हाथ ओडिशा की पतवार..झारखंड में लगेगी नैया पार !

ओडिशा में पहली बार सत्ता में आयी बीजेपी ने राज्य को नया आदिवासी मुख्यमंत्री दिया है. क्योंझर से चार बार के विधायक मोहन चरण माझी ओडिशा के नए मुख्यमंत्री बने हैं. संथाल जनजाति से आने वाले मोहन चरण माझी को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने झारखंड और बंगाल को साधने की रणनीति बनायी है.

Odisha CM Mohan charan Manjhi
Written By : संतोष कुमार | Updated on: June 12, 2024 11:30 am

ओडिशा में पहली बार बीजेपी को मिली सत्ता

ओडिशा में पहली बार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आयी बीजेपी ने मुखर आदिवासी नेता मोहन चरण माझी को मुख्यमंत्री बनाया है. झारखंड से सटे क्योंझर जिले के रहने वाले मोहन चरण माझी पहली बार तब विधायक बने थे जब नवीन पटनायक सत्ता में आए थे. नवीन पटनायक सरकार के खिलाफ लगातार संघर्षों के बाद मोहन चरण माझी को यह सफलता हासिल हुई है. ओडिशा में बीजेपी के दिग्गज नेताओं धर्मेंद्र प्रधान, बिजयंत पांडा, संबित पात्रा को पीछे छोड़ते हए मोहन चरण माझी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल की है. 147 सीटों वाली ओडिशा विधानसभा में बीजेपी 78 सीट हासिल कर पहली बार सत्ता में आयी है. जबकि बीजू जनता दल को 51 सीटें मिली हैं. पिछली सरकार में मोहन चरण माझी विधानसभा में विपक्ष के मुख्य सचेतक थे. केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह ने सीएम पद के लिए मोहन चरण माझी के नाम की घोषणा की. बीजेपी ने ओडिशा में दो उपमुख्यमंत्री भी बनाए हैं.

ओडिशा के तीसरे आदिवासी सीएम बने माझी

बीजेपी के मोहन चरण माझी ओडिशा के तीसरे आदवासी मुख्यमंत्री बने हैं. हेमानंद बिस्वाल और गिरधर गमांग कांग्रेस के आदिवासी मुख्यमंत्री थे. ओडिशा में करीब 1 करोड़ से ज्यादा आदिवासी लोग हैं. छत्तीसगढ़ के बाद ओडिशा में आदिवासी नेता मोहन चरण माझी को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने सबको चौंका दिया.

माझी से झारखंड की नैया पार लगाने की कोशिश

आदिवासी समाज के मोहन चरण माझी को ओडिशा में मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने झारखंड में अपनी नैया पार लगाने का इंतजाम किया है. झारखंड में इसी साल विधानसभा के चुनाव हैं. लोकसभा चुनाव में झारखंड में बीजेपी को आदिवासी क्षेत्रों में बड़ा झटका लगा है. पार्टी का कोई भी आदिवासी सांसद चुनाव नहीं जीत सका है. आदिवासी बहुल झारखंड में संथाल जनजाति बड़ी संख्या में है और चुनाव में यह निर्णायक वोटर है. संथाल जनजाति का वोटर जिसके पक्ष में गया झारखंड में उसकी सत्ता बनी है. लोकसभा चुनाव में झारखंड की सभी आदिवासी सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की जीत ने बीजेपी खेमे में बेचैनी पैदा कर दी है. छत्तीसगढ़ के बाद ओडिशा में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी यह बताने की कोशिश कर रही है कि आदिवासियों की सबसे बड़ी हितैषी पार्टी वही है. छत्तीसगढ़ और ओडिशा दोनों की सीमाएं झारखंड से मिलती हैं. दोनों राज्यों की आदिवासी परंपरा भी काफी हद मिलती जुलती हुई. ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सियासी हलचल का असर भी झारखंड पर पड़ता है. संथाल आदिवासी नेता मोहन चरण माझी को सीएम बनाकर बीजेपी ने ओडिशा से सटे बंगाल को भी संदेश देने की कोशिश की है. बंगाल में काफी तादाद में संथाल आदिवासी निवास करती है.

छत्तीसगढ़ के बाद ओडिशा में आदिवासी सीएम

बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के बाद ओडिशा में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाकर सियासी हलको में सबको चौंका दिया है. अब बड़ा सवाल यह है क्या झारखंड में भी सत्ता में आने के बाद बीजेपी यहां आदिवासी मुख्यमंत्री बनाएगी ?

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