जानकारी के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों को बीते दिनों से इलाके में बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की खबर मिल रही थी। इसी सूचना के आधार पर सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट, जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और जिला पुलिस की ई-30 यूनिट ने संयुक्त रूप से अभियान शुरू किया। सुबह-सुबह जंगलों में घेराबंदी के दौरान नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां बरसा दीं। जवाबी कार्रवाई में दोनों ओर से घंटों तक मुठभेड़ चलती रही। अंततः एक करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर मोडेम बालकृष्णा उर्फ़ मनोज सहित दस नक्सलियों को मार गिराया गया।
भारी मात्रा में हथियार बरामद
घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और नक्सल साहित्य भी बरामद किया गया है। इनमें रायफल, पिस्तौल, विस्फोटक और संचार उपकरण शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार मारे गए नक्सलियों में एक करोड़ का इनामी कमांडर भी था, जो लंबे समय से पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर था। उसकी मौत को सुरक्षा एजेंसियां नक्सलियों के लिए बड़ा झटका मान रही हैं।
गृहमंत्री अमित शाह का बयान
गृहमंत्री अमित शाह ने इस सफलता पर सुरक्षाबलों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि देश के बहादुर जवानों ने एक बार फिर नक्सलवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता को साबित किया है। शाह ने ट्वीट में लिखा कि छत्तीसगढ़ में संयुक्त अभियान के दौरान दस नक्सलियों का खात्मा हुआ है, जिनमें एक करोड़ का इनामी नक्सली भी शामिल है। उन्होंने इसे नक्सलवाद उन्मूलन की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि बचे हुए नक्सलियों को अब आत्मसमर्पण का रास्ता अपनाना चाहिए।
तलाशी अभियान जारी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मारे गए सभी नक्सलियों की पहचान की जा रही है और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान जारी है। संभावना जताई जा रही है कि इस मुठभेड़ में कुछ और नक्सली घायल हुए हैं, जो जंगल का फायदा उठाकर भाग निकले। उनके लिए सुरक्षा बलों ने घेराबंदी तेज कर दी है।
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