हरियाली तीज और रविवार का दिन होने के कारण मनसा देवी मंदिर जाने वाले भक्तों की भीड़ आम दिनों के मुकाबले अधिक थी। दिन के 10 बजे के बाद भीड़ और बढ़ गई। करीब 11.40 बजे अचानक भगदड़ मच गई और मात्र 5 मिनट के अंदर कई महिलाएं और बुजुर्ग भगदड़ में गिर गए और भाग रही भीड़ के पैरों से कुचल दिए गए। पांच मिनट बाद ही वहां मातम पसरा था।
इस भगदड़ की वजह अफवाह फैलना बताया जा रहा है। किसी ने ये अफवाह फैला दी कि बिजली का तार टूटकर गिर गया है जिससे जिससे लोग झुलस गए हैं, लेकिन बाद में उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने इस बात से इनकार किया। मंदिर ट्रस्ट और मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है, और घटना की जांच भी शुरू कर दी गई है।सरकार ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर बिजली का तार गिरने और करंट आने की अफवाह किसने फैलाई ? मुख्यमंत्री ने मृतकों को आश्रितों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की है।
मंदिर ट्रस्ट की ओर से मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को एक -एक लाख रुपये तक सहायता राशि देने की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख जताया है और मृतकों के परिजनों से संवेदना जताई है। बताया जा रहा है कि मृतकों में पांच लोग उत्तर प्रदेश के हैं। हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने इन मौतों की पुष्टि की है। मृतकों में 6 साल का बच्चा आरूष और 60 साल की महिला शांति और 65 साल के बुजुर्ग रामभरोसे शामिल हैं। शेष मृतकों की उम्र 18 से 25 वर्ष के भीतर है।
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