Martyr : जम्मू के डोडा जिले के अस्सर फॉरेस्ट एरिया में भारतीय सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में 48 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन दीपक सिंह शहीद ( Martyr ) हो गए हैं। एक आतंकी के मारे जाने की खबर है, 3 आतंकी बाकी है। मुठभेड स्थल से सेना को तीन बैग व एक M4 अमेरिकी निर्मित राइफल मिली है, जिसे आतंकियों को छोड़कर भागना पड़ा। खबर लिखे जाने तक आतंकी अस्सर नदी के पीछे से छुप-छुप कर फायरिंग कर रहे थे।
कब शुरू हुई मुठभेड़
मुठभेड़ मंगलवार शाम 6:00 बजे शुरू हुई जब सेना की यूनिट राष्ट्रीय राइफल्स में कैप्टन के पद पर तैनात दीपक सिंह को आतंकियों के शिवगढ़ – अस्सर के घने जंगलों वाले इलाके में छुपे होने की खबर मिली। उसके बाद वह जैसे ही अपनी एक टीम को लेकर वहां पहुंचे, आतंकियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी इसके बाद दोनों तरफ से रुक-रुक कर फायरिंग होती रही और अचानक से घना कोहरा छा गया। जिसका फायदा आतंकियो ने उठाया और वे शिवगढ़ से डोडा के अस्सर इलाके में प्रवेश कर गए।
लेकिन सुरक्षा बल लगातार उनका पीछा कर रहे थे, पर इतने में ही रात हो गई ऑपरेशन रोकना पड़ा। लेकिन सुरक्षा बलों ने उस पूरे इलाके को चारों तरफ से घेर लिया था, ताकि आतंकी वापस भाग ना सके। सुबह करीब 7:30 बजे फिर से आतंकियों और सुरक्षा बलों में मुठभेड़ हुई, इसी में एक टीम को लीड कर रहे हैं कैप्टन दीपक सिंह को गोली लगी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक वह( Martyr ) शहादत पा चुके थे।
आतंकियों से मिला सामान
जब बुधवार को सुरक्षाबलो और आतंकियों के बीच मुठभेड हो रही थी, तो आतंकियों को एक जगह अपना सामान छोड़कर भागना पड़ा और उसके बाद जब सुरक्षा बलों ने उस समान की तलाशी ली तो उन्हें तीन बैग व एक M4 अमेरिकी निर्मित राइफल मिली।
सेना का बयान
सेना ने बयान जारी करते हुए कहा कि वह अपने शहीद कैप्टन की मौत से दुखी है और इसका बदला लेते हुए सभी आतंकियों को जहन्नुम पहुंचा दिया जाएगा।
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