महाराष्ट्र में हो रहे विधानसभा चुनावों में करीब 8000 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। इनमें सबसे धनी उम्मीदवार हैं बीजेपी के पराग शाह, जो घाटकोपर पूर्व के मौजूदा विधायक हैं। उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनकी संपत्ति फिलहाल 3383.06 करोड़ रुपये है, जो पिछले 5 वर्षों में 575 फीसदी की वृद्धि दर्शाती है। 2019 के विधानसभा चुनावों में, उन्होंने अपनी संपत्ति 550.62 करोड़ रुपये की बताई थी।
ईमानदारी का संकल्प
पराग शाह ने एक खास बातचीत में कहा, “मैं एक ईमानदार उम्मीदवार हूं। मेरे दुश्मनों ने भी कभी नहीं कहा कि मैं ईमानदार नहीं हूं।” उन्होंने यह भी कहा, “एक व्यक्ति की असली संपत्ति उसकी भावनाएं होती हैं। धन के मामले में कई लोग समृद्ध हो सकते हैं, लेकिन मेरे पास इसे सही दिशा में लगाने की प्रेरणा है। मुझे विश्वास है कि भगवान और देश ने मुझे बहुत कुछ दिया है, इसलिए मुझे भी कुछ लौटाना चाहिए। मैं एक नेता, व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता हूं और अपनी बचत का 50% से अधिक सामाजिक कामों में देता हूं।”
व्यापार में अनुभव और सामाजिक कार्य
पराग शाह 25 वर्षों से MICI ग्रुप के चेयरमैन के रूप में कार्यरत हैं। हाल ही में उनकी एक छोटी बीमारी के कारण चर्चा हुई, जिसे उन्होंने हल्के में लेते हुए कहा, “राजनीति में अगर आप खांसते हैं, तो लोग सोचने लगते हैं कि आपको कोई बड़ी बीमारी है।” शाह का यह बयान यह दिखाता है कि वह अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित नहीं हैं और चुनावी दौड़ में पूरी तरह सक्रिय हैं।
आर्थिक वृद्धि की पड़ताल
शाह की संपत्ति में इतनी बड़ी वृद्धि ने राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान खींचा है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या यह वृद्धि राजनीति में उनके लाभ के लिए है। हालांकि, उन्होंने अपने समर्पण और ईमानदारी को प्रमुखता दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार उनका यह दावा किस तरह चुनावी परिणामों पर असर डालता है।
क्या शाह की संपत्ति उनके चुनावी भाग्य को प्रभावित करेगी?
पराग शाह की बढ़ती संपत्ति और उनका ईमानदारी का दावा दोनों ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण मुद्दे बन गए हैं। चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनकी संपत्ति में हुई वृद्धि न केवल व्यक्तिगत सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि वह राजनीति में अपनी स्थिति को मजबूत बनाए हुए हैं। सभी की नजरें इस बात पर होंगी कि क्या उनका यह नया दावेदार चुनाव में उन्हें जीत दिला पाता है।
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