Modi Cabinet 3.0 : केंद्र के 8 मंत्रियों से साधेंगे बिहार विधानसभा चुनाव

नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं. दिल्ली में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही 69 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई जिनमें बिहार के चार कैबिनेट मंत्रियों सहित 8 मंत्री शामिल हैं. बिहार से कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने वालों में जीतनराम मांझी, ललन सिंह, गिरिराज सिंह और चिराग पासवान शामिल हैं।

PM Narendra Modi मंत्रिमंडल में शामिल कैबिनेट मंत्री बने बीजेपी से गिरिराज सिंह, जदयू से ललन सिंह, लोजपा राशि से चिराग पासवान और हम से जीतनराम मांझीजदयू से
Written By : संतोष कुमार | Updated on: June 9, 2024 9:57 pm

मोदी कैबिनेट में बिहार को ज्यादा मौका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट में बिहार से 8 मंत्रियों को शामिल किया है. अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी की ये कवायद है. बिहार विधानसभा चुनाव में सोशल इंजीनियरिंग का ध्यान रखते हुए बिहार के 8 सांसदों को मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है.

बिहार से 8 सांसद बने मोदी कैबिनेट में मंत्री

जदयू कोटे से रामनाथ ठाकुर को मंत्री बनाया गया तो बीजेपी से नित्यानंद राय, गिरिराज सिंह और राज भूषण चौधरी राज्य मंत्री बने हैं. पूर्व सीएम जीतनराम मांझी और लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के चिराग पासवान कैबिनेट मंत्री बने हैं. बिहार से मोदी कैबिनेट में दो सवर्ण ललन सिंह और गिरिराज सिंह मंत्री बने हैं.अनुसूचित जाति से दो लोगों को मौका दिया गया है. पूर्व सीएम जीतनराम मांझी और चिराग पासवान मंत्री बने हैं. वहीं ओबीसी कोटे से तीन लोग नित्यानंद राय रामनाथ ठाकुर और राजभूषण चौधरी मंत्री बने हैं.

ललन सिंह और गिरिराज से सवर्ण वोटरों पर नजर

जदयू के ललन सिंह और बीजेपी के गिरिराज सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाने  को बिहार में सवर्ण वोटरों को साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि दोनों ही नेता मुंगेर प्रमंडल से आते हैं. जहां भूमिहार मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है. ललन सिंह और गिरिराज सिंह लगातार लोकसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं. इसलिए भी दोनों को कैबिनेट में शामिल किया गया है.जेडीयू में जहां ललन सिंह बड़े भूमिहार नेता हैं, वहीं बीजेपी में भूमिहारों का नेता होने के साथ ही गिरिराज सिंह की छवि फायर ब्रांड हिंदू नेता के तौर पर है,जिसका फायदा बिहार विधानसभा चुनाव में NDA गठबंधन को हो सकता है.

मोदी कैबिनेट बिहार से तीन OBC को मौका

जातीय जनगणना कराकर बिहार में नीतीश कुमार ने ओबीसी वोटरों को लोकसभा चुनाव में अपने पाले में करने की कोशिश की है और अब इसका असर मोदी कैबिनेट में भी दिख रहा है. बिहार से तीन ओबीसी को मंत्री बनाया गया है.

नित्यानंद राय बने मंत्री

उजियारपुर से चुनाव जीते पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. नित्यानंद राय की छवि साफ सुथरी और उन्हें पीएम मोदी का करीबी भी माना जाता है. राजद के मुस्लिम यादव समीकरण में यादव वोट में सेंध लगाने के लिए भी नित्यानंद राय को केंद्र में फिर से मंत्री बनाया गया है.

रामनाथ ठाकुर को मिला मौका

राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर भी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं. बता दें कि इसके पहले बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान ओबीसी वोटरों को साधने के लिए कर्पूरी ठाकुर को मोदी सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया था. कर्पूरी ठाकुर बिहार में पिछड़ों के सबसे बड़े नेता माने जाते थे. बिहार सरकार में मंत्री रहे रामनाथ ठाकुर कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं. रामनाथ ठाकुर के जरिए बिहार के ओबीसी वोटरों पर पीएम मोदी की नजर है.

पहली बार के राजभूषण चौधरी बने मंत्री

मुजफ्फरपुर से पहली बार चुनाव जीतकर आए बीजेपी के राजभूषण चौधरी को  मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. राजभूषण चौधरी मल्लाह समाज से आते हैं, जिसके अभी बड़े नेता मुकेश सहनी हैं. बिहार में मुकेश सहनी की काट के तौर पर राजभूषण चौधरी को देखा जा रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव में मल्लाहों का वोट चुनावी जीत के लिए महत्वपूर्ण है इसलिए राजभूषण चौधरी को कैबिनेट में जगह मिली है.

मोदी कैबिनेट में बिहार से अनुसूचित जाति से दो मंत्री

मोदी 3.0 में बिहार से अनुसूचित जाति के दो लोगों को मंत्री बनाया गया है. पूर्व सीएम जीतनराम मांझी और चिराग पासवान मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं.

मंत्री बने मोदी के हनुमान चिराग पासवान

बिहार में खुद को मोदी का हनुमान बताने वाले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं. लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की सभी 5 सीटों पर जीत हासिल कर चिराग पासवान ने यह साबित कर दिया कि बिहार में दलितों का सबसे बड़ा नेता वही हैं. लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी का स्ट्राइक रेट 100 प्रतिशत रहा. विधानसभा चुनाव में भी जीत का स्ट्राइक रेट ऐसा ही रहा तो बिहार में फिर से NDA की सरकार बन सकती है.

पूर्व सीएम जीतनराम मांझी पहली बार बने केंद्रीय मंत्री

गया लोकसभा सीट से कई बार चुनाव लड़ने के बाद पहली बार जीतनराम मांझी को जीत मिली है. पहले टर्म में जीतनराम मांझी केंद्र में मंत्री बन गए. बिहार में दलितों में दूसरी सबसे बड़ी आबादी मुसहर जाति से आने वाले जीतनराम मांझी का प्रभाव अपने लोकसभा क्षेत्र के साथ ही अन्य लोकसभा क्षेत्रों पर भी है. जीतनराम मांझी बिहार की राजनीति में वैसे शख्स हैं जिसकी सभी दलों में पैठ है.

मोदी 3.0 में बिहार के ब्राह्मण चेहरा के रूप में सतीशचन्द् दुबे

मोदी कैबिनेट में बिहार से ब्राह्मण चेहरा के रूप में बीजेपी के राज्यसभा सांसद सतीशचन्द्र दुबे को मौका मिला है। ये उत्तर बिहार के मजबूत ब्राह्मण नेता माने जाते हैं. सतीश चंद दुबे वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं. वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र से सतीश चंद्र दुबे 2014 से लेकर 2019 तक लोकसभा के सांसद रह चुके हैं. 2019 में टिकट कटने के बाद बीजेपी आलाकमान ने उन्हें राज्यसभा में भेजा था. सांसद बनने से पहले सतीश चंद दुबे चनपटिया और नरकटियागंज से विधायक भी रह चुके हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *