Narendra Modi Russia Visit : पुतिन के गले मिलने से जेलेंस्‍की बेवजह नाराज 

Narendra Modi Russia Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के पहले नेता हैं जो रूस के राष्‍ट्रपति पुतिन की आंख में आंख डाल कर यूक्रेन पर रूस के हमले को गलत कह रहे हैं।

Written By : रामधनी द्विवेदी | Updated on: July 10, 2024 7:16 pm

प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी रूस की यात्रा (Narendra Modi Russia Visit) पूरी कर आस्ट्रिया पहुंच गए हैं। रूस में उन्‍होंने द्विपक्षीय वार्ता तो की ही जिसमें भारत और रूस के हितों पर बात हुई, मोदी ने यूक्रेन युद्ध की भी चर्चा की और पुतिन से साफ शब्‍दों में कहा कि युद्ध किसी समस्‍या का समाधान नहीं है। इससे दोनों पक्षों को ही क्षति उठानी पड़ती है।

उन्‍होंने कुछ दिन पहले ही रूस द्वारा यूक्रेन के अस्‍पताल पर किए गए हमले की भी चर्चा की और कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। इस हमले मे 31 लोग मारे गए थे जिनमें तीन बच्‍चे हैं और एक दर्जन से अधिक बच्‍चे घायल हैं।

मोदी यूक्रेन युद्ध बंद करने के पक्ष में 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के पहले नेता हैं जो रूस के राष्‍ट्रपति पुतिन की आंख में आंख डाल कर यूक्रेन पर रूस के हमले को गलत कह रहे हैं। अभी तक किसी नेता ने ऐसा करने का साहस नहीं किया। प‍ुतिन भी ऐसी बातें सुनने के अभ्‍यस्‍त नहीं हैं लेकिन उन्‍हेांने मोदी की बात को ध्‍यान से सुना और इस बात का आभार व्‍यक्‍त किया की कि भारत इस युद्ध समाप्‍त करने में मदद करने का इच्‍छुक है। यह बताता है कि मोदी की बात पर पुतिन कितना ध्‍यान देते हैं।

जेलेंस्‍की नाराज 

लेकिन यूक्रेन के राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की मोदी पुतिन की इस युगलबंदी से खुश नहीं हैं। वह इस बात पर नाराज हैं कि मोदी पुतिन से गले क्‍यों मिले। वह कहते हैं कि मोदी का पुतिन से गले मिलना निराशाजनक है। वह पुतिन को दुनिया का सबसे खूनी अपराधी बताते हुए कहते हैं कि उनसे मोदी का गले मिलना निराशा पैदा करता है और शांति प्रयासों के लिए विनाशकारी झटका दिखाई देता है। जेलेंस्‍की अपनी कूटनीतिक चतुराई या मजबूरी से ऐसा कह रहे हैं। एक बार ऐसा भी समय था जब उन्‍हें लगता था कि मोदी ही यूक्रेन में शांति स्‍थापित करा सकते हैं क्‍यों कि वही पुतिन को युद्ध रोकने पर राजी कर सकते हैं।

यूक्रेन युद्ध में बच्‍चों के मरने की बात उठाई, निंदा की 

ध्‍यान देने की बात है कि मोदी यूक्रेन में युद्ध बंद कराने के लिए रूस नहीं गए (Narendra Modi Russia Visit) थे। वह भारत और रूस के बीच संबंधों को मजबूत करने गए थे और निश्चित ही उन्‍हें इस यात्रा में भारत के हितों को ध्‍यान में रखना था और ऐसा ही उन्‍होंने किया भी। लेकिन ऐसा भी नहीं कि यूक्रेन का युद्ध वह भूल गए हों या इस पर वह पुतिन की तरफदारी किए हों। उन्‍होंने बड़ी मजबूती से अपनी बात कही और यहां तक कहा कि बम और बंदूक की गोलियेां के बीच शांति संभव नहीं। युद्ध से किसी समस्‍या का समाधान नहीं निकल सकता। चाहे युद्ध हो या आतंकी हमला जब किसी की जान जाती है तो मानवता में विश्‍वास रखने वाला हर व्‍यक्ति दुखी होता है। उसमें जब हम मासूम बच्‍चों को मरता देखते हैं, तो वह दिल दहला देने वाला और दर्दनाक होता है। जाहिर है जब वह यह कह रहे थे तो,वह यूक्रेन के अस्‍पताल पर रूस के हमले का ही संदर्भ दे रहे थे। इससे अधिक प्रभावी ढ़ंग से अपनी बात और कैसे रखी जा सकती है।

नाराजगी बेवजह 

जेलेंस्‍की का मोदी के पुतिन के गले मिलने से नाराजगी बेवजह है। उन्‍हें यह समझना चाहिए कि रूस भारत का दशकों से मित्र है और समय पर परखा हुआ भी। उसे रूस को महत्‍व देना ही है। इसी से तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी सबसे पहले रूस की यात्रा को प्राथमिकता दी। दुनिया की दूसरी शक्ति अमेरिका भी भारत के साथ संबध बनाये रखना चाहता है लेकिन बीच-बीच में अपनी हरकतों से हमें असहज भी करता रहता है। वह हर हाल में अपने हित को ऊपर रखता है। मोदी की रूस यात्रा में वह पुतिन से मोदी के मिलने को गलत नहीं मानता लेकिन यह भी कहता है कि यूक्रेन-रूस युद्ध में यदि समाधान का कोई रास्‍ता निकले तो यूक्रेन की सम्‍प्रभुता का सम्‍मान किया जाय। कौन नहीं चाहेगा कि ऐसा हो। किसी भी देश का सम्‍मान सर्वोपरि होता है।

मुस्लिम तलाकशुदा महिलाएं भी गुजारा भत्ते की हकदार, जानें क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *