महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने सोमवार को मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर विधानसभा सीट से दो नामांकन पत्र दाखिल किए। एक एनसीपी उम्मीदवार के तौर पर और दूसरा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में, उनके इस कदम ने राजनीतिक हलकों में गहरी खलबली मचा दी।
आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में दी सफाई
हालांकि, दिन के अंत में मलिक ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वे एनसीपी के आधिकारिक उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा, “मैंने मानखुर्द शिवाजी नगर से एनसीपी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। इसके साथ ही एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी नामांकन भरा था, लेकिन पार्टी ने एबी फॉर्म भेज दिया, जिसे हमने दोपहर 2:55 बजे जमा कर दिया। अब मैं एनसीपी का आधिकारिक उम्मीदवार हूं।” उन्होंने एनसीपी नेताओं अजीत पवार, प्रफुल पटेल और सुनील तटकरे का आभार जताते हुए कहा कि पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है।
मानखुर्द शिवाजी नगर से चुनावी संघर्ष की तैयारी
Nawab Malik ने मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से चुनाव लड़ने का इरादा व्यक्त करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में नशे के कारोबार और असामाजिक गतिविधियों का बढ़ता प्रभाव चिंताजनक है। उन्होंने दावा किया, “जनता यहां बदलाव चाहती है और मुझसे चुनाव लड़ने की अपील की है। मुझे पूरा विश्वास है कि जनता मेरे साथ है, और इस बार जीत हमारी होगी।” मानखुर्द शिवाजी नगर सीट पर समाजवादी पार्टी के अबू आजमी का दबदबा है, जो 2009 से इस सीट पर जीत हासिल करते आ रहे हैं।
अनुशक्ति नगर से नवाब मलिक की बेटी सना मलिक मैदान में
फिलहाल नवाब मलिक (Nawab Malik) मुंबई की अनुशक्ति नगर सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन इस बार एनसीपी (अजीत पवार गुट) ने उनकी जगह उनकी बेटी सना मलिक को यहां से मैदान में उतारा है। सना का सामना फहद अहमद से होगा, जो हाल ही में एनसीपी (शरद पवार गुट) में शामिल हुए हैं और अभिनेत्री स्वरा भास्कर के पति हैं। यह मुकाबला नवाब मलिक के परिवार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि इसे पिता-पुत्री की राजनीतिक विरासत का प्रतीक माना जा रहा है।
भाजपा ने जताई आपत्ति, महायुति में बढ़ी तनातनी
नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर महायुति गठबंधन के भीतर भी मतभेद उभरकर सामने आए हैं। मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार ने उनके नामांकन पर विरोध जताते हुए कहा, “हम किसी ऐसे व्यक्ति का समर्थन नहीं करेंगे, जिनका नाम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़ा हो।” मलिक को 2022 में दाऊद इब्राहिम और उनके सहयोगियों से जुड़े एक मामले में एनआईए ने गिरफ्तार किया था, और इसी साल जुलाई में स्वास्थ्य कारणों से उन्हें जमानत मिली। एनसीपी विभाजन के बाद मलिक ने अजीत पवार गुट का समर्थन किया, जिससे गठबंधन में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
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