देश भर में NEET-UG 2024 के आयोजन में धांधली को लेकर चल रहे आंदोलन और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बीच केंद्र ने अपने रुख से सुप्रीम कोर्ट को अवगत करा दिया है। केंद्र सरकार ने NEET-UG 2024 दोबारा कराने से साफ इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में सरकार ने कहा कि वह यह नहीं चाहती है कि 23 लाख छात्रों पर ‘अप्रमाणित आशंकाओं’ के आधार पर दोबारा परीक्षा का बोझ डाले. मामले पर अंतिम फैसला गुरुवार को यानी आज सीजेआई चंद्रचूड़ की बेंच सुनवाई कर लेगी।
IIT मद्रास के डेटा का कोर्ट में दिया हवाला
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि IIT मद्रास द्वारा किए गए डेटा विश्लेषण में कोई सामूहिक गड़बड़ी नहीं दिखी है. वहीं सरकार ने उठाए गए सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए 7 सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी का प्रस्ताव रखा है. जिससे भविष्य में इस तरह की कोई लीक न हो.
टेक्निकल एनालिसिस करवाया
NEET परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर केंद्र सरकार ने IIT मद्रास के विशेषज्ञों से टेक्निकल एनालिसिस करवाया है. इस एनालिसिस में बहुत बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के संकेत नहीं मिले हैं. ऐसा भी नहीं है कि कहीं छात्रों को एब्नार्मल नंबर के ज़रिए फ़ायदा मिला हो. नंबरों के मामले में सभी बच्चों में बढ़ोतरी हुई है, ख़ासतौर से 550 से 720 के बीच. टेक्निकल एनालिसिस के मुताबिक ये सभी शहरों और सभी सेंटर में देखा गया है. इसका मुख्य कारण है कि सिलेबस 25 फ़ीसदी कम हुआ है. इसलिए सरकार नहीं चाहती कि परीक्षा दोबारा कराई जाए.
जुलाई के तीसरे हफ्ते में काउंसलिंग
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नीट काउंसलिंग की प्रक्रिया जुलाई के तीसरे हफ्ते में शुरू हो जाएगी. जो चार राउंड चलेगी. किसी भी कैंडिडेट को अगर पेपर लीक में दोषी पाया जाता है, तो काउंसलिंग या उसके बाद किसी भी स्तर पर रोका जा सकता है. केंद्र सरकार ने कहा कि वह इस मामले में काफी सतर्कता से नजर रख रही है.
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