नई दिल्ली लोकसभा चुनावी माहौल काफी दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ था ।नई दिल्ली ( New Delhi) सीट पर सबसे कम 51.54% मतदान हुआ, जहां भाजपा ( BJP) की बांसुरी स्वराज( Bansuri swaraj) का मुकाबला इंडिया ब्लॉक के घटक आप के सोमनाथ भारती ( Somnath Bharti) से है।
नई दिल्ली सीट से जुड़ी कुछ खास जानकारी
नई दिल्ली सीट दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से एक है. साल 1951 में नई दिल्ली लोकसभा सीट अस्तित्व में आई. यानी यह दिल्ली का सबसे पुराना लोकसभा क्षेत्र है।यहां अब तक 6 बार कांग्रेस (INC) और 5 बार बीजेपी (BJP) को जीत मिली है.
नई दिल्ली लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की सीटें :-
करोलबाग
पटेल नगर
मोती नगर
दिल्ली कैंट
राजेंद्र नगर
नई दिल्ली
कस्तूरबा नगर
मालवीय नगर
आर के पुरम
ग्रेटर कैलाश
पिछले दो लोकसभा चुनाव में यहां पर बीजेपी को जीत मिली है. मीनाक्षी लेखी नई दिल्ली की सांसद हैं. इस बार उनका टिकट काटकर बीजेपी ने यहां से बांसुरी स्वराज को उतारा है. बांसुरी पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की दिग्गज नेता रहीं सुषमा स्वराज की बेटी हैं. बांसुरी स्वराज का मुकाबला आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती से होगा.कांग्रेस इस सीट पर अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी. दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच हुए सीट के समझौते के कारण इस बार कांग्रेस यहां मुकाबले से बाहर है. बता दें कि आजादी के बाद ये पहला मौका है जब कांग्रेस पार्टी का कोई उम्मीदवार यहां मैदान में नहीं है.
2019 का लोकसभा चुनाव
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की मीनाक्षी लेखी ने जीत हासिल की थी. उन्हें 5 लाख 3 हजार वोट मिले थे. मीनाक्षी लेखी के सामने कांग्रेस के अजय माकन थे. उन्हें 2 लाख 47 हजार वोट मिले थे. मीनाक्षी लेखी ने 2.5 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी. मीनाक्षी लेखी को इस जीत का इनाम भी मिला और वह मोदी सरकार में मंत्री बनीं.
नई दिल्ली लोकसभा सीट का इतिहास
नई दिल्ली लोकसभा सीट साल 1951 में अस्तित्व में आई. यहां पर हुए पहले चुनाव में सुचेता कृपलानी ने जीत हासिल की थी. उन्होंने 1957 के चुनाव में भी जीत दर्ज की. हालांकि 1962 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से उम्मीदवार बदल दिया और मेहर चंद खन्ना को टिकट दिया. उन्होंने पार्टी को निराश नहीं किया और जीत हासिल की.
बीजेपी को यहां पर पहली जीत 1991 में मिली. उस चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी ने कांग्रेस के राजेश खन्ना को शिकस्त दी थी. 1992 में हुए उपचुनाव में राजेश खन्ना को जीत मिली. इसके बाद 2004 तक ये सीट बीजेपी के पास रही. 2004 के चुनाव में कांग्रेस के अजय माकन ने यहां पर बीजेपी की जीत का सिलसिला तोड़ा और कांग्रेस की वापसी कराई. इसके बाद 2009 के चुनाव में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की. हालांकि इसके बाद से कांग्रेस ने यहां पर जीत का स्वाद नहीं चखा है. 2014 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है.
इस वीआईपी क्षेत्र में महिला वोटरों की संख्या बहुत कम
नई दिल्ली क्षेत्र के मतदाताओं लगभग सभी शहरी क्षेत्र से मध्य और उच्च वर्ग के हैं। कुल 14 लाख से ज्यादा वोटर्स हैं. इसमें से 8 लाख 30 हजार पुरुष और 6 लाख 59 हजार महिला मतदाता हैं. नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम धर्म के 6.1 प्रतिशत लोग रहते हैं. वहीं, एससी वर्ग के 21.14 प्रतिशत, सिख 3.08 प्रतिशत रहते हैं.
अब जानते हैं दोनो मुख्य प्रत्याशियों के बारे में…
कौन हैं बांसुरी स्वराज ?
बीजेपी ने दो मार्च को दिल्ली की पाँच सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की तो एक मनोज तिवारी को छोड़कर सभी मौजूदा सांसदों के टिकट कट गए. पार्टी ने इस बार पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को टिकट दिया. बांसुरी को मीनाक्षी लेखी की जगह नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया. बांसुरी ने मीडिया का ध्यान उस समय आकर्षित किया था, जब यह खुलासा हुआ था कि सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज IPL के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की लीगल टीम में शामिल थीं। बता दें, ललित मोदी ने एक ट्वीट कर अपनी लीगल टीम को बधाई दी थी। लीगल टीम के जिन सदस्यों के नाम का जिक्र ललित मोदी ने अपने ट्वीट में किया था, उनमें सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी समेत 8 वकील और शामिल थे।
कानून के क्षेत्र में 15 साल का अनुभव है बांसुरी को
बांसुरी राजनीति में भले ही डेब्यू कर रही हैं, लेकिन लीगल एरिना में उनको 15 सालों का अनुभव है. करीब 25 साल पहले बांसुरी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का ज्वाइन किया था. लंदन के बीपीपी स्कूल से Law की पढ़ाई की और ऑक्सफोर्ड से मास्टर डिग्री ली । पिछले साल बांसुरी बीजेपी से जुड़ी और दिल्ली में बीजेपी के कानून प्रकोष्ठ का उन्हें सह संयोजक बनाया गया और अब उन्हें चुनाव मैदान में उतारा गया है.
आप नेता सोमनाथ भारती को भी जानें
नई दिल्ली लोकसभा सीट से प्रत्याशी आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती मालवीय नगर विधानसभा से लगातार तीसरी बार विधायक हैं. वो दिल्ली सरकार के पूर्व कानून, प्रशासनिक सुधार, कला और संस्कृति मंत्री रह चुके हैं. वर्तमान में दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं. इसके अलावा सोमनाथ भारती तमिलनाडु, पुड्डुचेरी, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, अंडमान एवं निकोबार और लक्षद्वीप के “आप“ के प्रभारी रहे हैं.
आईआईटी दिल्ली से पढ़े भारती भी हैं वकील
वह आईआईटी दिल्ली एलुमनी एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और सीनेट के पूर्व सदस्य भी रह चुके हैं. सोमनाथ भारती ने 1997 में आईआईटी दिल्ली से एमएससी की डिग्री हासिल की. फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री लेकर दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की.
वर्ष 2010 से जुड़े हैं अरविंद केजरीवाल के साथ
इसके बाद 2010 में सोमनाथ भारती की मुलाकात दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से हुई और तब से उनके साथ जुड़ गए. 26 नवंबर 2012 को जब आम आदमी पार्टी गठन हुआ तो सोमनथ भारती इसके संस्थापक सदस्य बने. जब 2013 में वो मालवीय नगर से विधायक चुने गए। केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री के तौर पर उन्होंने कोर्ट की र्काय़वाही में पारदर्शिता लाने के लिए ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग सहित 19 प्रमुख सुधारों की शुरुआत की. उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 2015 और 2020 में मालवीय नगर तीसरी बार जीत दर्ज की, लेकिन एक विधायक के रूप में उनका कार्यकाल विवादों से अछूता नहीं रहा है। घरेलू हिंसा के आरोपों से लेकर भारती कई विवादों के केंद्र में रहे हैं।
दोनों ही दलों के प्रत्याशी वकील हैं और इन के भविष्य का फैसला नई दिल्ली लोस क्षेत्र के उच्च मध्य वर्ग के हाथों में है, क्योंकि इस क्षेत्र इनकी बड़ी आबादी है।